नहीं था यकीन घर बैठे पड़ जाएगा वोट
बुजुर्ग और दिव्यांगों को पहली बार मिला घर बैठे मतदान का मौका।
संवाद सहयोगी, टूंडला: गांधीपुरम में रहने वाले हरेंद्र प्रताप सिंह 85 साल के हैं। पैरालाइसिस की वजह से वह दस साल से बिस्तर पर हैं। मंगलवार दोपहर दो बजे जब पोलिंग पार्टी उनके घर पहुंची तो उन्हें चेहरे पर उत्सुकता के भाव स्पष्ट नजर आने लगे। कर्मचारियों ने पहले उन्हें प्रक्रिया समझाई। इसके बाद उन्हें गोपनीय तरीके से वोट डालने के लिए पोस्टल बैलेट थमा दिया।
आजाद भारत में ऐसा पहली बार है, जब बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे मतदान की सुविधा दी गई है। ऐसा उन्हें कोरोना से बचाने के लिए किया गया है। टूंडला विस के ऐसे 197 मतदाताओं का वोट डलवाने के लिए प्रशासन ने पांच पोलिंग पार्टियां बनाई हैं। अपना वोट देने के बाद हरेंद्र संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि आयोग को आनलाइन वोटिंग की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे देश का अरबों रुपया बच सके।
इसी मुहल्ले में रहने वाले 89 साल के सेवानिवृत प्रवक्ता अनोखेलाल ने भी घर बैठे मतदान किया। उन्होंने बताया कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में वोट डालने के लिए जाते समय वह मतदान केंद्र में ही गिर पड़े थे। जिससे उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई है। अब वह चल फिर नहीं पाते हैं। उपचुनाव में वोट डाल पाने की उम्मीद उन्हें बिल्कुल नहीं थी, लेकिन आयोग की अनूठी पहले ने इसे संभव कर दिया।
प्रथम मतदान अधिकारी योगेन्द्र विक्रम सिंह व द्वितीय मतदान अधिकारी अनेक सिंह ने मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई। इस दौरान वोट की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा गया। मंगलवार को 68 बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं से वोट डलवाए गए।
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आज भी होगा स्पेशल मतदान
रिटर्निग आफिसर एवं एसडीएम राजेश वर्मा ने बताया कि दो दिन में कुल 121 लोगों ने मतदान किया है। बचे हुए मतदाताओं तक बुधवार को पोलिंग पार्टियां पहुंचेंगी। आयोग की मंशा अधिक से अधिक मतदान कराने की है।