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कागजों में टं¨चग ग्राउंड, सड़कों पर बिखरा कूड़ा

विदेशों तक कांच की चमक बिखेरने वाली सुहागनगरी की सूरत बिगड़ी हुई है। नगर निगम का टंचिंग ग्राउंड कागजों से बाहर नहीं आ सका है। कूड़ा डालने को स्थल है, लेकिन कर्मचारी डीजल बचाने को सड़क किनारे डाल रहे हैं, जिससे शहर की छवि खराब हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 10:27 PM (IST)
कागजों में टं¨चग ग्राउंड, सड़कों पर बिखरा कूड़ा
कागजों में टं¨चग ग्राउंड, सड़कों पर बिखरा कूड़ा

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : विदेशों तक कांच की चमक बिखेरने वाली सुहागनगरी की सूरत बिगड़ी हुई है। सालों गुजरने के बाद भी टं¨चग ग्राउंड का प्रस्ताव धरातल पर नहीं आ सका। रही-सही कसर निगम की बदइंतजामी ने पूरी कर दी। शहर में दोपहर 12 बजे तक सड़कों से कूड़ा नहीं उठता, तो कई जगह शाम तक कूड़ेदान खाली नहीं होते। कूड़ा उठाने के बाद चनौरा पर चयनित गड्ढे में डालने के बजाय सड़कों और हाईवे किनारे सर्विस रोड पर फेंका जा रहा है। इससे उठने वाली दुर्गंध यहां से गुजरने वाले अन्य शहर के लोगों के मन में फीरोजाबाद की बदसूरत तस्वीर बना रही है।

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फीरोजाबाद में टं¨चग ग्राउंड के लिए सालों से कवायद चल रही है, लेकिन मामला हर बार अटक जाता है। पहले जमीन अधिग्रहण में मामला ऐसा उलझा कि कई साल गुजर गए। बात न्यायालय तक पहुंच गई। अब जमीन मिली तो यह तय नहीं हो सका है कि आखिर कूड़ा निस्तारण सिस्टम कैसा लगाया जाए। कंपनियों से बात चल रही है। बीते दिनों फर्म के प्रतिनिधियों ने अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति भी दी, लेकिन कुछ कमियां होने पर कंपनी से इसे पुन: तैयार करने को कहा गया है। दूसरी तरफ शहर कूड़ा-कूड़ा हो रहा है। इसके पीछे निगम की लापरवाही भी कम नहीं है। शहर में कूड़ा उठाने की भी व्यवस्था काफी बिगड़ी हुई है। दोपहर 12 बजे के बाद तक शहर की सड़कों से कूड़ा उठाया जाता है। इससे राहों पर दिनभर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। कई जगह पर तो कूड़ेदान दो दिनों तक खाली नहीं होते। कोटला रोड पर तो कूड़े के ढेर 12 बजे तक पड़े रहते हैं तो दोपहर बाद आने वाली कूड़ा गाड़ी के चलते यहां जाम जैसी स्थिति रहती है। थाना दक्षिण के पीछे निगम ने अवैध कूड़ेदान बना रखा है, जहां दिन भर कूड़ा फेंका जाता है, जिससे यहां से निकलने वालों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।

एक तरफ निगम कूड़े को चनोरा में चयनित जमीन पर फेंकने का दावा करता है, लेकिन कर्मचारी डीजल बचाने के लिए हाईवे तथा खाली जमीन पर फेंक रहे हैं। रसीदपुर कनैटा के निकट हाईवे किनारे सर्विस रोड से लोगों का निकलना दूभर हो गया है। निगम की गाड़ियां यहां कूड़ा रही हैं, जिससे बड़े-बड़े ढेर लग गए हैं। कोटला रोड पर नाले किनारे खाली मैदान पर भी कूड़े के ढेर निगम की व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। डोर-टू-डोर कलेक्शन व्यवस्था भी फेल :

नगर निगम द्वारा कुछ मुहल्लों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन यह भी कारगर साबित नहीं हुई है। सुहाग नगर में ही कई जगह पर दिन भर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं तो विभव नगर का भी यही हाल है। हर रोज निकलता है 300 टन कूड़ा:

शहर से हर रोज 280 से 300 टन कूड़ा निकलता है। निगम द्वारा गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग रखने के लिए जुदा-जुदा रंग के डस्टबिन भी लगवाए, लेकिन यह प्रयास भी विफल रहे।


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