तुम कुछ भी कर लो, हम नहीं सुधरेंगे
एक महीने चला जागरूकता अभियान फिर भी वाहन चालकों में नहीं बढ़ा ट्रैफिक सेंस हेलमेट और सीट बेल्ट बांधकर नहीं चलते 50 फीसद दुपहिया और चार पहिया वाहन चालक
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। यातायात माह समाप्त हो गया, लेकिन सुहागनगरी की सड़कों पर अराजक यातायात के हालात नहीं बदले। हाईवे किनारे सर्विस लेन हो या तिराहे-चौराहे के आसपास के स्थान। यहां छोटे-बड़े वाहन बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं। इससे सर्विस रोड पर बाइक से सफर तय करना भी आसान नहीं रहता। ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक से 30 नवंबर तक यातायात माह मनाया गया था। इस दौरान जनता में ट्रैफिक सेंस के लिए तरह-तरह के आयोजन किए गए थे। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वाले चालकों के खिलाफ चालान आदि की कार्रवाई की गई थी। माह समाप्त होने के बाद सड़कों पर हालात फिर पहले जैसे हो गए। 50 फीसद दुपहिया और कार चालक, हेलमेट और सीट बेल्ट बांधकर नहीं चल रहे हैं। - अस्पताल के सामने टेंपो चालकों का राज:
मेडिकल कॉलेज ओपीडी परिसर के मुख्य गेट के बाहर लाइन से टेंपो खड़े रहते हैं। चालक यहीं सवारियां भरते हैं। इस कारण अस्पताल में आने-जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है। सर्विस रोड पर खड़े वाहन एंबुलेंस का भी रास्ता रोकते हैं। यह समस्या काफी समय से है, लेकिन इसका निदान नहीं कराया जा रहा है। - ट्रैफिक सिग्नल चालू न होने से भी दिक्कत:
यातायात व्यवस्था को दुरस्त बनाने के लिए शहर की सीमा में हाईवे के अधिकतर तिराहे-चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगवाए गए थे, लेकिन सुभाष तिराहे को छोड़कर हर जगह ये सिग्नल खराब पड़े हैं। इससे भी यातायात व्यवस्था दुरस्त नहीं हो पा रही है।
जनता में ट्रैफिक सेंस पैदा करने के लिए हर उपाय किए जा रहे हैं। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ी भी है। सड़कों को घेरकर सवारियां भरने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नीरज मिश्रा, इंस्पेक्टर ट्रैफिक