अल्फिया, इल्मा और मेहरुन्निशा.. जीता 'जहां'
कटरा पठानान सरकारी स्कूल की बेटियों ने जीती वोडाफोन स्कालरशिप यूपी में 11 बच्चों में फीरोजाबाद की तीन बेटियां शामिल।
डा. राहुल सिंघई, फीरोजाबाद:
किसी के लिए भले ही यह बड़ी बात न हो लेकिन उनके लिए तो जहां (संसार) जीत लेने जैसा है। आखिर इस जीत ने उनके बेहतर भविष्य की बुनियाद जो रख दी है। मुफलिसी की मार के बीच सरकारी स्कूल की इन तीन बच्चियों ने वोडाफोन-आइडिया स्कालरशिप जीत ली है। देश में 477 बच्चे ही इस स्कालरशिप को इस बार हासिल कर सके हैं। इनमें 11 प्रदेश के हैं। इसमें भी यह तीन बच्चियां एक ही स्कूल की हैं।
कटरा पठानान निवासी अल्फिया कक्षा आठ में पढ़ती है। पांच साल पहले अब्बा नहीं रहे। घर में तीन भाई कभी स्कूल नहीं गए। लाकडाउन में पढ़ाई को वाट्सएप वाला मोबाइल भी नहीं। ऐसे में जब मैडम सबक देकर फोन करतीं तो वह पड़ोसी के मोबाइल से पढ़ाई करती। कमोबेश यही हालात साथ पढ़ रहीं इल्मा और मेहरून्निशा के थे। कटरा पठानान के जिस उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीनों पढ़ती हैं उसकी हालात भी कुछ अच्छी नहीं। एक शिक्षिका, दो कमरे और तीन क्लास वाले इस विद्यालय में 60 से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं।
दो बहनों में बड़ी इल्मा के पिता वसीम कांच कारखाने में काम करते हैं। चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर की मेहरून्निशा के पिता की आंखों की रोशनी कम हो गई है। मां घर में चूड़ी झलाई कर बेटी को स्कूल भेजती है। कोरोना काल में मेहरून्निशा ने बड़ी अम्मी के मोबाइल से आनलाइन पढ़ाई की तो अल्फिया के पड़ोसी मददगार बन गए थे। स्कूल की इकलौती शिक्षिका और प्रभारी प्रधानाध्यापिका कल्पना राजौरिया बताती हैं कि वीआइ फाउंडेशन की स्कालपरशिप के लिए अगस्त 2019 में परीक्षा हुई। स्कूल स्तर पर तीन छात्राओं का चयन हुआ। इसके बाद फाउंडेशन ने आनलाइन इंटरव्यू लिया। इसमें तीनों सफल हुई हैं। बेटियों ने साबित कर दिया कि सीमित हालातों में भी बेहतर किया जा सकता है। तीनों को नौवीं और दसवीं की पढ़ाई के लिए 20-20 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं तीनों छात्राएं सफलता के लिए शिक्षिका को श्रेय देती हैं। कहती हैं कि स्कालरशिप से आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे। प्रभारी प्रधानाध्यपिका ने भी जीती थी एक लाख की स्कालरशिप:
इससे पहले गुरुशाला वोडाफोन आइडिया में एक लाख रुपये की स्कालरशिप इसी स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका कल्पना राजौरिया ने जीती थी। उस समय प्रदेश में दो महिला शिक्षकों को स्कालरशिप मिली थी। दोनों फीरोजाबाद की थीं।