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खुदा की इबादत में झुके हजारों सिर

ईद उल अजहा का त्योहार शहर में जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। हजारों सिर इबादत में झुके और अमन चैन की दुआ मांगी। इस दौरान प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 11:10 PM (IST)
खुदा की इबादत में झुके हजारों सिर
खुदा की इबादत में झुके हजारों सिर

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: ईद उल अजहा का त्योहार शहर में जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। ईदगाह सहित सभी प्रमुख मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज प्रशासन के कड़े इंतजाम के बीच हुई। एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ जो दोपहर बाद तक चला।

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बुधवार सुबह आठ बजे ईदगाह में नमाज के लिए हजारों की भीड़ एकत्र हुई। गांधी पार्क, इस्लामियां इंटर कॉलेज के मैदान, कंपनी बाग चौराहा, ¨छगामल बाग और स्टेशन रोड पर गुरुद्वारे तक नमाजियों की कतारें लग गई। मौलाना सफी कासमी ने ईद की विशेष नमाज अदा कराई। नमाजियों ने अल्लाह की बारगाह में सजदा किया और देश में अमन चैन की दुआ मांगी। इस दौरान गांधी पार्क मैदान से लेकर सदर बाजार के चप्पे चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात रहा। ईदगाह के प्रवेश द्वार पर दो मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। इसके अलावा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी भ्रमण करते रहे।

नमाज शुरू होने से पहले ही मेयर नूतन राठौर ईदगाह पहुंची और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कमियां सही कराई। डीएम नेहा शर्मा, एसएसपी स¨चद्र पटेल, नगर आयुक्त जितेंद्र कुमार, एडीएम अतुल ¨सह, एसपी सिटी राजेश कुमार ¨सह, एसडीएम सदर देवेंद्र कुमार, सीओ सिटी डॉ. अरुण कुमार ने भी व्यवस्थाओं पर नजर रखी। नमाज के बाद अधिकारियों ने सभी को ईद की मुबारकबाद दी। सवा आठ बजे जामा मस्जिद में हाफिज शम्शी और साढ़े आठ बजे शाही मस्जिद में नमाज अदा कराई। ईद की नमाज सबसे पहले सुबह पौने सात बजे मदीना कॉलोनी स्थित मस्जिद ए आयशा में हुई। यहां मौलाना आदम मुस्ताफ ने नमाज अदा कराई। इसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू हो गया। ईदगाह कमेटी सचिव इसरार अहमद ने नमाज की व्यवस्थाओं के लिए डीएम, एसएसपी समेत नगर निगम एवं सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया है। -तीन तलाक को न बनाएं तमाशा :

नमाज से पहले ईदगाह में तकरीर पढ़ते हुए मौलाना सफी कासमी ने कहाकि कुछ लोगों ने तलाक को तमाशा बना रखा है। जो लोग कुछ नहीं जानते, वे तलाक पर राय दे रहे हैं। यह अच्छी बात नहीं है। कुछ भी कहने से पहले यह जरूरी है इस्लामी किताबों को पढ़ें और समझें। तलाक इस्लाम में है, लेकिन उसके कुछ तरीके हैं, जो हर मुसलमान को समझने होंगे। मौलाना ने अमन और भाईचारे का संदेश देते हुए कहा कि इस्लाम को मानने वाले दूसरे किसी मजहब को बुरा न कहें। ¨हदुस्तान में रहने वाले ¨हदू, सिख, ईसाई एवं अन्य सभी लोग हमारे भाई हैं। सबसे प्यार और भाईचारे का बर्ताव करें। तभी देश में अमन-चैन रहेगा और तरक्की होगी। केरल पीड़ितों की मदद की अपील:

गांधी पार्क चौराहा पर ईद को लेकर कई राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने कैंप लगाए थे। एक कैंप हाजी राहत अफरोज ने भी लगाया था, जिसमें केरल में बाढ़ के कारण बर्बाद हुए लोगों की मदद के लिए आर्थिक मदद देने की अपील की जा रही थी।


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