सुहाग नगरी के कई मुहल्लों में खरीदना पड़ता है पानी
फीरोजाबाद जासं। सुहाग नगरी में पेयजल संकट से निजात पाने के लिए पानी का कारोबार चल रहा है। कई मुहल्लों में प्राइवेट सबमर्सिबल पंप लगाकर बाकायदा कनेक्शन बांट रखे हैं। एक घर से हर माह करीब दो सौ से तीन सौ रुपये लिए जा रहे हैं। इस तरह ये कारोबार कमाई का जरिया बना हुआ है। इस व्यवसाय को जलकल विभाग का भी संरक्षण प्राप्त है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सुहाग नगरी में पेयजल संकट से निजात पाने के लिए पानी का कारोबार चल रहा है। कई मुहल्लों में प्राइवेट सबमर्सिबल पंप लगाकर बाकायदा कनेक्शन बांट रखे हैं। एक घर से हर माह करीब दो सौ से तीन सौ रुपये लिए जा रहे हैं। इस तरह ये कारोबार कमाई का जरिया बना हुआ है। इस व्यवसाय को जलकल विभाग का भी संरक्षण प्राप्त है।
शहर की आबादी को पानी मुहैया कराने की जिम्मेदारी जलकल विभाग की है। इसके लिए विभिन्न स्थानों नलकूप, ओवरहेड टैंक और भूमिगत जलाशय हैं। कई क्षेत्रों में गंगाजल की आपूर्ति शुरू हो गई है। लेकिन, साठ फुटा रोड, चिश्ती नगर, कश्मीरी गेट, चौकी गेट, आसफाबाद, न्यू रामगढ़, रहना, रामनगर, श्याम नगर, दतौजी, सहित नई आबादी क्षेत्रों में पानी की किल्लत बनी हुई है। इन क्षेत्रों में लगी प्राइवेट सबमर्सिबल पंप पानी का व्यवसाय बन गई हैं। सदस्यों की संख्या के हिसाब से हर घर से 200 से 300 रुपये प्रति माह रुपये लिए जा रहे हैं। किसी घर में कोई कार्यक्रम होता है, तो उससे 500 रुपये की वसूली की जाती है। जबकि इन ठेकेदारों की जेब से कुछ नहीं जाता, बल्कि जमीन का पानी खींचने के साथ में बगैर प्यूरीफाई किए सीधे ही घरों में आपूर्ति दी जाती है, जो कभी भी बीमारी का कारण बन सकता है। सरकारी सबमर्सिबल पंपों पर दबंगों का कब्जा
नगर निगम प्रशासन ने प्रत्येक वार्ड में सरकारी सबमर्सिबल पंप लगवाई हैं। इनमें से दो दर्जन से अधिक खराब हैं। जहां ठीक हैं, वहां दबंगों ने कब्जा कर लिया है। सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी भर लेते हैं, उसके बाद दूसरे लोगों को भरने देते हैं। पानी की समस्या किन क्षेत्रों में हैं, इसकी जानकारी की जा रही है। जहां भी प्राइवेट सबमर्सिबल पंप से पानी बेचा जा रहा है, उन क्षेत्रों का निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।
-विजय कुमार, नगर आयुक्त