लालों के इंतजार में चौखट ताकते नैना हुए लाल
- पांच साल में जिले भर से लापता 133 बचे 43 बेसुराग बच्चों की तलाश में भटक रहे हैं परिवार पुलिस दे रही आश्वासन।
'शहर की गूलरिया बस्ती में चूड़ी श्रमिक रहीश और उसकी पत्नी नफीसा की आंखें घर के दरवाजे पर लगी रहती है। कान सुनने को बेताब रहते हैं कि सुहैब आ गया, मगर कहीं से कोई यह आवाज नहीं देता। तीन सितंबर 2019 को घर से खेलने के लिए निकला सुहैब अब तक वापस नहीं लौटा। रिश्तेदारी की खाक छानने के बाद सुहैब की गुमशुदगी रामगढ़ थाने में दर्ज है, मगर अब तक उसका पता नहीं चला।' 'हनुमान गली निवासी निवासी चूड़ी की कटाई करने वाली सुनीता का 12 वर्षीय बेटा सोमेश 15 नवंबर 2020 को घर के गली में खेलते समय गायब हो गया था। पति की मौत के दस महीने बाद बेटे के गायब होने से सुनीता टूट गई। दक्षिण थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और रिश्तेदारी में खोजती रही, लेकिन कहीं से कोई खबर नहीं मिली। दिन रात ईश्वर से उसकी कुशलता की कामना करती है।' अजय प्रताप सिंह, फीरोजाबाद: सुहैब और सोमेश की तरह जिले से गायब 43 बच्चों का अभी तक सुराग नहीं लग सका है। उनके माता पिता ने गली मुहल्लों से लेकर आस-पास के जिलों की खाक छानी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। बच्चों के नहीं मिलने का मलाल आज भी उन्हें सोने नहीं देता तो उनके इंतजार में चौखट की ओर ताकते-ताकते माता-पिता के नैना लाल हो जाते हैं। मटसेना के गांव जमालपुर निवासी सतीश ने बताया कि उनका दो वर्षीय पुत्र हिमांशु 25 नवंबर 2017 को घर के बाहर से खेलते समय गायब हो गया था। उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चल सका है। रसूलपुर निवासी हरीराम ने बताया कि उनका नौ वर्षीय पुत्र करन तीन नवंबर 2016 को गली में खेलते समय गायब हो गया था, अभी तक पता नहीं चल सका है। थाना पुलिस केवल आश्वासन देकर लौटा देती है। 31 बेटियों की राह तक रहे परिवार: पुलिस रिकार्ड के मुताबिक पिछले पांच साल में 18 वर्ष से कम आयु की 86 लड़कियां और 47 लड़के गायब हुए, जिनमें से 31 लड़कियां अब भी बेसुराग हैं। वहीं 12 लड़कों का भी पता नहीं चला है। 18 वर्ष से कम आयु के लापता और बरामद बच्चे का ब्योरा:
वर्ष ----- पंजीकृत गुमशुदगी--- बरामद--- शेष 2016---------27 -------- 24------- तीन 2017-------- 24---------15--------- नौ
2018---------31--------24-------- सात 2019-------- 23--------17--------छह 2020---------28-------10--------18
योग-------- 133-------- 90-------43 'गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए अलग से व्यवस्था है। इसमें प्रगति की समीक्षा की जाती है। जो बच्चे अब तक नहीं मिले हैं, उनकी तलाश जारी है। इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।'
अजय पांडे, एसएसपी