Move to Jagran APP

फर्जी शिक्षक अलंकार और न बता पाए कवियों के नाम

फर्जी प्रमाण-पत्रों के संदेह के घेरे में आए शिक्षकों ने सुनवाई के लिए संबंधित शिक्षकों को बुलाया। इस दौरान शिक्षकों ने प्रमाण पत्रों की पुन: जांच की मांग की। इस दौरान टीम ने शिक्षकों से सवाल किए तो वे अलंकार और कवियों के नाम तक न बता पाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 11:09 PM (IST)
फर्जी शिक्षक अलंकार और न बता पाए कवियों के नाम
फर्जी शिक्षक अलंकार और न बता पाए कवियों के नाम

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: फर्जी प्रमाण-पत्रों के संदेह के घेरे में आए शिक्षकों ने जांच कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर फिर से सत्यापन कराने की गुहार लगाई। हालांकि दो बार सत्यापन के बाद जांच कमेटी अब इन्हें कोई मौका नहीं देना चाहती। यहां कमेटी के सवालों ने शिक्षकों के ज्ञान की पोल खोल दी।

prime article banner

फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए जिला स्तर पर सीडीओ नेहा जैन की अध्यक्षता में कमेटी गठित है। बीते दिनों शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के प्रमाण पत्र शासन द्वारा फर्जी बताने पर कमेटी ने पांच शिक्षकों को तलब किया था। शिक्षकों ने कमेटी के समक्ष खुद के प्रमाण पत्र सही होने का दावा करते हुए कहा फिर से सत्यापन कराया जाए। इस दौरान ¨हदी से स्नातक करने वाले शिक्षक से जब सीडीओ ने ¨हदी के अलंकार पूछे तो वह चुप्पी साध गए। पांच कवियों के नाम भी नहीं बता पाए तो सीडीओ ने कहा कि कबीर का एक दोहा ही सुना दो, लेकिन शिक्षक वो भी नहीं बता पाए। वहीं समाजशास्त्र से स्नातक करने वाले शिक्षक से एसपी देहात महेंद्र ¨सह ने समाजशास्त्र के जनक का नाम पूछा तो वह नहीं बता पाए। शिक्षकों के ज्ञान पर सभी हैरान रह गए। साक्षात्कार के दौरान बीएसए अर¨वद कुमार पाठक भी उपस्थित थे। माना जा रहा है कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट जल्द ही सौंपेगी।

--इन शिक्षकों की हुई पेशी--

सोनम गुप्ता, कपिल कुमार, निशी कुमार, सतेंद्र कुमार एवं जितेंद्र कुमार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.