कागजी कार्रवाई में 18 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा रहा मासूम का शव
कागजी कार्रवाई में 18 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा रहा मासूम का शव
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: नोएडा से बिहार के चंपारण जा रहे मजदूर परिवार के मासूम बच्चे का शव 18 घंटे तक कागजी कार्रवाई को लेकर पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा रहा। जीआरपी और स्वास्थ्य विभाग एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकते रहे। मंगलवार दोपहर एक बजे जीआरपी शव लेकर टूंडला पहुंची और परिवार वालों को सौंप दिया। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया। बेबस परिवार वालों को अब घर लौटने का इंतजार है।
बिहार के पश्चिम चंपारण के नौतन गांव की प्रियंका लॉकडाउन में फंसने के बाद अपने दस माह के बच्चे, पिता देवलाल एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नोएडा से बिहार जा रही थे। शनिवार रात ट्रेन में बीमारी से बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद जीआरपी ने परिवार को टूंडला स्टेशन पर उतार लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए कोरोना की जांच कराने के लिए संस्तुति भेजी। रविवार को शव से सैम्पल लिया गया। वहीं परिवार बीरी सिंह कॉलेज में ठहराया गया। सोमवार की शाम को बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। परिवार वाले पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। बताया गया है कि रात को ही शव का अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। सूत्रों की मानें तो जीआरपी वाले यह कह रहे थे कि स्वास्थ्य विभाग पोस्टमार्टम न करने की बात लिखकर दे, वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना था कि यह उनके अधिकार में नहीं आता। परिवार वाले लिखकर दे तो पोस्टमार्टम टाला जाएगा। इसी को लेकर पूरी रात बीत गई। जीआरपी इंस्पेक्टर एसके पौनियां का कहना था कि रात में स्वास्थ्य विभाग से शव वापस लाने की कागजी औपचारिकताएं पूरी नहीं कराई जा सकीं। मंगलवार दोपहर को औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शव को लाया गया। नाना की मौजूदगी में उसे लाइनपार तालाब में दफना गया। इस संबंध में सीएमओ डॉ एसके दीक्षित का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कॉल रिसीव नहीं की गई।
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ट्रेन से बिहार भेजा जाएगा परिवार:
एसडीएम एकता सिंह ने बताया कि चंपारण जा रहे परिवार को मंगलवार की रात या बुधवार की सुबह ट्रेन से भेजा जाएगा। इस संबंध में रेलवे के मंडल यातायात प्रबंधक समर्थ गुप्ता से बात चल रही है। दो घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस, निकल गया कोराबारी का दम जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मंगलवार सुबह सांस लेने में परेशानी के बाद एम्बुलेंस से अस्पताल भेजे गए पैमेश्वर गेट क्षेत्र निवासी 55 वर्षीय चूड़ी कारोबारी की मौत हो गई। बताया गया है कि उन्हें मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शाम को हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने आगरा रेफर किए जाने को कह दिया, लेकिन दो घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। रात लगभग आठ बजे एम्बुलेंस के पहुंचने पर उन्हें शिफ्ट किए जाते समय मौत हो गई। आरोप है कि शव को एम्बुलेंस चालक छोड़कर भाग गया। इसकी अधिकारियों को सूचना दी गई, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया। भाजपा नेता कंहैया लाल गुप्ता का कहना है कि कारोबारी की पत्नी अस्पताल में भर्ती हैं,उनकी हालत गंभीर है। पूरे मामले से डीएम को अवगत करवा दिया गया है। कारोबारी की कोरोना जांच के लिए सैम्पल भी भेजा गया है। कार्यवाहक सीएमएस डॉ आलोक शर्मा का कहना है कि मरीज की सुबह आने के बाद से ही हालत गंभीर थी और वेंटीलेटर पर थे। वे हृदय रोगी थी और एंजियोप्लास्टी हो चुकी थी। उन्हें आगरा रेफर किया जा रहा था, लेकिन उससे पहले मौत हो गई। ड्यूटी डॉक्टर ने एम्बुलेंस कॉल की थी, लेकिन देर से पहुंची। एम्बुलेंस देर से पहुंचने के संबंध में डीएम को रिपोर्ट भेजी जा रही है।