रामलीला मैदान पर काठ बाजार अवैध, हो सकेगी कार्रवाई
रामलीला मैदान की जमीन पर स्वामित्व और कब्जे का सालों से चल रहा विवाद सुलह के कगार पर है। बुधवार को राजस्व टीम ने मौके पर जांच पड़ताल की, जिसमें काठ बाजार अवैध पाया गया है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: रामलीला मैदान की जमीन पर स्वामित्व और कब्जे का सालों से चल रहा विवाद अंजाम तक पहुंचने वाला है। इस पर वास्तविक अधिकार किसका है, इसकी जांच पड़ताल के लिए प्रशासन ने बुधवार को फीता डाल दिया। सदर तहसील की टीम ने बुधवार को मौके पर जाकर पैमाइश की और दस्तावेज खंगाले। पहले दिन की जांच में हनुमान ट्रस्ट का पक्ष मजबूत पाया गया और काठ बाजार अवैध रूप से संचालित होने की बात सामने आई।
शहर में जो जगह रामलीला मैदान के नाम से जानी जाती है वह और उसके आसपास की काफी जमीन सरकारी अभिलेखों में 52बीघा के नाम से दर्ज है। इसके बहुत बड़े हिस्से पर कब्जे को लेकर रामलीला कमेटी और हनुमान ट्रस्ट के बीच विवाद है। इसकी हकीकत जानने के लिए डीएम नेहा शर्मा ने बुधवार को एसडीएम सदर देवेंद्र ¨सह और तहसीलदार प्रसून कश्यप को पूरी टीम के साथ भेजा। टीम ने कई घंटे नापजोख की और काठ बाजार का भ्रमण कर दुकानदारों से पूछताछ की। टीम को मौके पर कई पक्के मकान भी अवैध रूप से बने नजर आए, जिनमें एसी लगे थे।
जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि जमीन हनुमान ट्रस्ट की है, जिसे दशकों से वह रामलीला कमेटी को रामलीला के मंचन और मेला लगाने के लिए देता आ रहा है। रामलीला महोत्सव के लिए यह जमीन हर साल 28 दिन के लिए दी जाती थी, लेकिन कमेटी ने समय-समय पर इस जमीन पर कई जगह पक्के निर्माण करा लिए। अधिकारियों को काठ बाजार पूरी तरह से अवैध मिला। पूछताछ में दुकानदारों ने अधिकारियों को यह भी बताया कि वे दुकान का किराया रामलीला कमेटी को देते हैं। कमेटी में किसको देते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कमेटी के एक जिम्मेदार पदाधिकारी का नाम अधिकारियों को बताया।