योजना बनाकर की गई लाखों रुपये की स्टांप चोरी
फीरोजाबाद (जागरण संवाददाता): सेंट्रल टॉकीज में बनी दुकानों के बैनामों में लाखों की रुपये की स्टांप चोरी की गई है। इसके लिए बाकायदा दुकानों पर कार्यालय लिखवाया गया, ताकि ऐसा किया जा सके। इस पूरे मामले में विभागीय भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है।
फीरोजाबाद (जागरण संवाददाता): सेंट्रल टॉकीज में बनी दुकानों के बैनामों में लाखों की स्टांप चोरी योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। स्टांप बचाने के लिए दुकानों पर जानबूझकर कार्यालय लिखा गया। स्टांप चोरी में उप निबंधक कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सेंट्रल चौराहा का नाम जिस सेंट्रल टॉकीज के नाम से पड़ा है, उस टॉकीज को तोड़कर करीब छह माह पूर्व मार्केट बनाया गया। इसमें दो दर्जन दुकानें बनाई गईं और सभी पर 'कार्यालय' लिखवा दिया गया। दुकानों पर कार्यालय लिखा देख आसपास के दुकानदार भी हैरान थे कि आखिर यहां कितने और किसके कार्यालय खोले जाएंगे, लेकिन जैसे-जैसे दुकानें बिकती गईं, विक्रेता और खरीदारों का खेल खुलता गया। बैनामे के बाद कार्यालयों में दुकानें खुल गईं, लेकिन उप निबंधक कार्यालय अन्जान बना रहा।
एक अधिवक्ता ने बताया कि कार्यालय के बैनामे में दुकान की तुलना में तीस फीसद स्टांप कम लगते हैं। इसलिए जानबूझकर ऐसा किया गया। डीएम नेहा शर्मा ने खुद इन दुकानों का निरीक्षण किया तो उन्होंने सहायक महानिरीक्षक स्टांप रमाकांत ¨सह और सब रजिस्ट्रार एके जौहरी को जांच के आदेश दिए। जांच में यह बात साबित हो गई कि दुकानों को कार्यालय दिखाकर बैनामों में आठ लाख रुपये से अधिक के स्टांप कम लगाए गए।
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-अनदेखी करता रहा विभाग
जहां दुकानें बनी हैं वहां पहले कभी कोई कार्यालय नहीं था, बल्कि टॉकीज था और अब भी कोई कार्यालय नहीं खुला है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों ने निरीक्षण नहीं किया। इस संबंध में उप निबंधक एके जौहरी ने बताया कि बैनामे के समय यह पता नहीं चल पाता कि मौके पर वास्तव में कार्यालय है या नहीं। जिन लोगों ने यह तथ्य छिपाया उन पर कार्रवाई होगी।