शैक्षिक संकुल के गठन में सुस्ती, कैसे हो शिक्षा में सुधार
शैक्षिक संकुल के गठन में सुस्ती कैसे हो शिक्षा में सुधार
संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार के मकसद से न्याय पंचायत स्तर पर शैक्षिक संकुल का गठन होना है। शासनादेश जारी हुए दो माह का समय गुजर गया, लेकिन अभी तक शैक्षिक संकुल का गठन नहीं हो सका है। इसको देखते हुए समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक सत्येंद्र कुमार ने नाराजगी व्यक्त की है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने शैक्षिक संकुल का गठन करने के लिए 17 मार्च को शासनादेश जारी किया था। शैक्षिक संकुल के गठन का उद्देश्य ई-लर्निंग मॉड्यूल को प्रभारी तरीके से लागू करने, आदर्श स्कूलों के रूप में विकसित करना और बच्चों का लर्निंग आउटकम सुनिश्चित करने के अलावा प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को आवश्यक फीडबैक देना है। प्रत्येक न्याय पंचायत के परिषदीय स्कूलों में उत्कृष्ट और अभिनव प्रयोग करने वाले पांच शिक्षकों का चयन किया जाना है। इसके लिए चयन प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है, लेकिन ब्लॉक स्तरीय अधिकारी इसके गठन में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
हालांकि लॉक डाउन के दौरान मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के संचालन और शैक्षिक कार्यों की प्लानिग में शिक्षक संकुल का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। लिहाजा समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक सत्येंद्र कुमार ने बीएसए को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक ब्लॉक में कार्यरत एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के माध्यम से हर न्याय पंचायत स्तर पर विभिन्न मानकों पर बेहतर कार्य करने वाले पांच शिक्षकों को चिन्हित कराएं। खंड शिक्षाधिकारी से अनुमोदित कराते हुए जल्द से जल्द शैक्षिक संकुल को क्रियाशील बनाएं। बीएसए डॉ. अरविद पाठक ने बताया कि इस संबंध में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। लापरवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी।