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पेयजल को जलकल में हंगामा, नारेबाजी

पेयजल किल्लत से परेशान कबीरनगर क्षेत्र की जनता ने बुधवार को जलकल विभाग परिसर में हंगामा और नारेबाजी की। कई बार अधिकारियों से मिले, लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका है। आरोप है अधिकारी वाटर टैक्स जमा करने के बाद ही समस्या के निदान की बात कह रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 05:06 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 11:22 PM (IST)
पेयजल को जलकल में हंगामा, नारेबाजी
पेयजल को जलकल में हंगामा, नारेबाजी

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पेयजल किल्लत से परेशान कबीरनगर क्षेत्र की जनता ने बुधवार को जलकल विभाग परिसर में हंगामा और नारेबाजी की। कई बार अधिकारियों से मिले, लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका है। आरोप है अधिकारी वाटर टैक्स जमा करने के बाद ही समस्या के निदान की बात कह रहे हैं।

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टापाकलां और बोधाश्रम रोड किनारे स्थित कबीरनगर गली संख्या एक और दो के बाशिंदे सुबह करीब पौने ग्यारह बजे जलकल विभाग पहुंचे। महिला- पुरुषों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा करने वालों का कहना था कई बार समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया मायापुरी पानी की टंकी से लेकर उनके मोहल्ले में पाइप लाइन बिछी है, लेकिन दो साल से जलापूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण इन दोनों गलियों में रहने वाले डेढ़ सौ परिवार परेशान हैं। विभाग के एई पीके ¨सह को कई बार समस्या की जानकारी दी गई, परंतु समस्या का निराकरण नहीं कराया गया। आरोप लगाया कि एई पहले वाटर टैक्स जमा करने की कह रहे हैं। उन्होंने कहा, हम तैयार हैं, लेकिन कोई बकाया राशि की जानकारी तो दे। वहीं कुछ लोगों का कहना था जब पानी ही नहीं मिल रहा तो टैक्स किस बात का। प्रदर्शनकारियों में राजेश कुमार, नीलम शंखवार, लायक ¨सह, चंदन ¨सह, राहुल, अमर बाबू, सुशीला और रेखा आदि शामिल थे। पैसे देकर सबमर्सिबल पंपों से भरते हैं पानी:

कबीर नगर निवासियों ने बताया कि पाइप लाइनों में पानी नहीं आने के कारण वे आसपास के क्षेत्रों में लगे सबमर्सिबल पंपों से पानी खरीद रहे हैं। पंप मालिकों को हर माह 400-500 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। ओझानगर में भी पेयजल संकट:

ओझानगर में तकरीबन दो माह से पेयजल संकट है। जनता सरकारी सबमर्सिबल पंप से पानी भरती थी, लेकिन जल स्तर में गिरावट आने से उसने पानी देना बंद कर दिया है। रामपाल, नरेंद्र कुमार, बंटू और राकेश समेत अनेक लोग इस समस्या का निराकरण कराने के लिए जलकल विभाग के एई पीके ¨सह से मिले। इनसे भी बकाया वाटर टैक्स का भुगतान करने के लिए कहा गया।


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