बहना ने भाई की कलाई पर बांधा प्यार
रक्षाबंधन पर्व पर बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का वचन लिया। भाई-बहन के प्रेम का पर्व जनपद में धूमधाम से मनाया गया।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: रक्षाबंधन पर्व पर बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का वचन लिया। भाई-बहन के प्रेम का पर्व जनपद में धूमधाम से मनाया गया। इस बार पर्व पर भद्रा का साया नहीं होने के कारण बहनें पूरे दिन अपनी सुविधानुसार राखी बांधती रहीं। बहनों ने घेवर और अन्य मिठाइयां खिलाकर मुंह मीठा कराया तो भाइयों ने भी उन्हें गिफ्ट देने में कंजूसी नहीं की। चार साल बाद पहली बार इस त्योहार पर भद्रा का साया नहीं था, इसलिए बहनों के सामने किसी खास समय पर भाइयों को राखी बांधने की मजबूरी नहीं थी। सुबह से बहनें नए कपड़ों में भाइयों को प्रेम का धागा बांधकर मुंह मीठा कराती रहीं। विवाहित बहनें भी भाई के घर जाने की तैयारी में सुबह से ही लगी रहीं। कुछ अपने पति के संग बाइक एवं अन्य संसाधनों से पहुंचीं। बहनों ने पहले आरती उतारीं, फिर तिलक कर रक्षा सूत्र बांधा। बहनों की हर मौके पर सुरक्षा का वचन और गिफ्ट भेंट दिए। किसी ने साड़ी और सलवार-सूट तो किसी ने सोने-चांदी के गहने और अपनी सहूलियत के अनुसार रुपये भेंट किए। विवाहिता बहनों और मेहमानों की आवाजाही के कारण घर-घर में सुबह से ही चहल-पहल रही। काफी संख्या में भाई भी अपनी बहनों के घर राखी बंधवाने गए। इस मौके पर तरह-तरह के पकवान बनाए गए थे। दोपहर में ही समाप्त हो गया घेवर :
इस मौके पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घेवर और फैनी मिठाई की जमकर बिक्री हुई। इन्हें खरीदने के लिए सुबह से ही दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। घेवर खरीदने के लिए मारामारी की नौबत रही। खरीदारों की पहली पसंद होने के कारण काफी दुकानों पर घेवर दोपहर होते-होते समाप्त हो गई। ऐसे में बहनों ने भाइयों का मुंह मीठा कराने के लिए दूसरी मिठाइयों की खरीद कीं। कचौड़ी-जलेबी भी खूब बिकी :
घर आई बहनें और अन्य अतिथियों के स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। घरों में तरह-तरह के पकवान बने थे, इसके बाद भी अधिकतर लोगों ने कचौड़ी-जलेबी खिलाकर भी खातिरदारी की। यही वजह कि कचौड़ी-जलेबी की दुकानों पर दोपहर तक भीड़ लगी रही।