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राखी पर टूटीं सींखचों की दीवारें तो छलक उठे आंसू

भाइयों से मिलने के लिए सुबह छह बजे से ही जेल के बाहर लगी लंबी लाइनें बहनों ने बांदी राखी तो रुंध आए भाइयों के गले, रक्षा का वचन भी न दे सके

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 10:49 PM (IST)
राखी पर टूटीं सींखचों की दीवारें तो छलक उठे आंसू
राखी पर टूटीं सींखचों की दीवारें तो छलक उठे आंसू

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: राखी के त्योहार पर बहन-भाई के बीच से सींखचों के बंधन हटे तो महीनों बाद भाइयों से मिलकर बहनों की रुलाई फूट गई। ऐसे में बहनों को रक्षा का वचन तक न दे पाने वाले भाइयों के भी गले रूंध गए। जिला जेल में रविवार को रक्षाबंधन के पर्व पर हर तरफ भाई बहन का प्रेम देखने को मिला। रोती हुई बहनों को भाई चुप कराते-कराते खुद भी रो उठे। सुबह से शाम तक रक्षाबंधन के पर्व पर जिला जेल में 1760 बहनों ने भाइयों के तिलक कर राखी बाधी। कारागार प्रशासन ने जिला जेल में इस दौरान बहनों के लिए विशेष व्यवस्था की थी।

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भाइयों को रक्षा सूत्र बांधने के लिए सुबह पांच बजे से ही बहनें यहां आने लगी थीं। कारागार प्रशासन की तरफ से अंदर व्यवस्था कराई थी। प्रशासन फीरोजाबाद-जलेसर रोड पर बैरियर लगवाकर बंदियों से मुलाकात करने आने वाले लोगों के वाहन खड़े कराए। भीड़ के चलते सुबह से ही वाहनों की लंबी लाइन लगी रही। गेट के बाहर ही बहनों के हाथों पर मुहर लगाने की व्यवस्था की गई। वहीं डिप्टी जेलर विजय कुमार पांडेय गेट नंबर तीन से मुलाकात की व्यवस्था पर निगाह रखे हुए थे। जबकि कारागार के अंदर जेल अधीक्षक मोहम्मद अकरम व्यवस्था संभाले हुए थे। सुबह करीब दस बजे तक 1400 महिलाएं अंदर प्रवेश कर गई थीं। जेल में निरुद्ध भाइयों की बहनों से मुलाकात जेल के अंदर मैदान में करायी गईं। भीड़ उमड़ने के कारण कारागार के बाहर पूरे दिन मेले जैसा नजारा रहा। राखी बांधने के दौरान अनेक भाई-बहनों की आंखें नम हो उठीं। कुछ देर मुलाकात के बाद बहनें बाहर आ गईं। इधर ताज सेवा समिति के सलीम धम्मू के नेतृत्व में जेल में उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्याऊ की व्यवस्था की गई। इसमें दिलीप मिश्रा, जीशान फारुकी, शहनोज का सहयोग रहा।

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बाहर की मिठाई भी नहीं गई अंदर :कारागार प्रशासन ने बाहर की मिठाई को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी, बल्कि जेल के अंदर ही मिठाई की व्यवस्था की थी। बहनों ने अंदर से ही मिठाई लेकर भाइयों का मुंह मीठा कराया। इस दौरान कई मुस्लिम बहनें भी जेल में बंद भाइयों से मिलने के लिए आई। रसूलपुर निवासी जुबैद की बहन के साथ मां और पत्नी भी यहां उनसे मिलने आई। मां कहती हैं इस बहाने बेटे से कम से कम नजदीक बैठ कर बातें हो जाती हैं।

हर साल आऊंगी भैया को राखी बांधने : नगला खंगर निवासी विनोद कुमार और मछरिया, फरिहा निवासी निर्मल यादव को अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा मिली है। ये दोनों जिला कारागार में काफी समय से निरूद्ध हैं। रविवार को निर्मल यादव की बहन राजवती और बेटी ओमलता तथा विनोद कुमार की बहन भी अपने-अपने भाई को राखी बांधने आयीं। दोनों की बहनों ने बताया कि उनके भैया जब तक यहां बंद रहेंगे, वह हर साल राखी बांधने यहां आती रहेंगी।


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