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20 दिन बाद खुले स्कूल, धूप में लगी क्लास

कड़ाके की सर्दी के कारण बंद थे आठवीं तक के स्कूल सोमवार को दिखी रौनक लेकिन कम संख्या में आए बच्चे

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 11:33 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 06:09 AM (IST)
20 दिन बाद खुले स्कूल, धूप में लगी क्लास
20 दिन बाद खुले स्कूल, धूप में लगी क्लास

जेएनएन, फीरोजाबाद: लगातार कई दिनों तक पड़ी भीषण सर्दी के कारण 17 दिसंबर से बंद हुए आठवीं तक के स्कूल सोमवार को खुले। प्राइवेट की तुलना में सरकारी स्कूलों में उपस्थिति काफी कम रही। 25 से 40 फीसद छात्र- छात्रा ही पढ़ने पहुंचे। मौसम अच्छा होने के कारण बच्चे धूप में पढ़ते नजर आए।

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कड़ाके की सर्दी को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज में 20 दिसंबर तक छुट्टी घोषित कर दी थी। इसके बाद भी सर्दी का प्रकोप न होने पर 28 दिसंबर तक छुट्टी बढ़ा दी गई। इसके बाद इंटर और डिग्री कॉलेज तो खुल गए, लेकिन कक्षा एक से आठ तक सभी स्कूल चार जनवरी तक बंद रहे। पांच को रविवार था। सोमवार को स्कूल खुले तो सुबह से ही सड़कों पर रौनक दिखाई देने लगी। स्वेटर, टोपी, दस्ताने और जूते मोजे पहने छोटे- छोटे बच्चे स्कूल जाते नजर आए।

वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रही। नगला भाऊ स्थित इंग्लिश मीडियम स्कूल में 102 में से 40, प्राथमिक विद्यालय हिमायुंपुर में 251 में से मात्र 80, लेबर कॉलोनी स्थित तीन स्कूलों में 255 में से 69 बच्चे ही आए थे। प्रावि रसीदपुर कनैटा में भी यही हाल नजर आया। 106 में से मात्र 28 बच्चे ही आए। कक्षा पांच के चार बच्चे बरामदे में आ रही धूप में बैठकर पढ़ते मिले। शिक्षकों का कहना था कि लंबी छुट्टी के बाद स्कूल खुलने के कारण उपस्थिति कम है। मंगलवार से संख्या बढ़ने के आसार हैं। -स्कूल संचालक, अभिभावकों को मिली राहत:

एक जनवरी से मौसम में सुधार आ गया था, लेकिन प्रशासन के निर्देश पर स्कूल नहीं खुल सके। इस कारण कई स्कूलों को अ‌र्द्ध वार्षिक परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ीं। छुट्टियां खत्म होने से स्कूल संचालकों के साथ ही अभिभावकों ने भी राहत महसूस की है। बेसिक शिक्षा विभाग ने भी ऑपरेशन कायाकल्प तेजी से चलाने की तैयारी कर ली है। ग्रामीण और कस्बों में भी कम मिले स्वेटर:

ग्रामीण और कस्बों में भी सोमवार को बच्चों की उपस्थिति कम रही। शिकोहाबाद के मुहल्ला पड़ाव के परिषदीय स्कूलों में कई बच्चे बिना स्वेटर के धूप में बैठकर पढ़ते मिले। इनमें से कुछ को स्वेटर मिले ही नहीं थे। प्रधानाध्यापकों ने बताया कि उन्हें जितने स्वेटर मिले थे, उतने बांट दिए। कुछ के स्वेटर आना बाकी हैं। प्रावि नंबर छह में 90 में से 18 और नौशहरा में 135 में से 25 बच्चे ही मिले। टूंडला में प्राथमिक विद्यालय गालिब में 108 में से 48 उपस्थित थे। बच्चों के पास स्वेटर तो थे लेकिन पैरों में जूते, मौजे नहीं थे। प्रधानाध्यापक राजवीर सिंह का कहना था कि जूते, मौजे मिल गए हैं लेकिन पहनकर नहीं आए हैं। कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोटकी में 86 में से मात्र 20 ही उपस्थित मिलीं। छात्राएं फर्श पर बैठकर शिक्षण कार्य कर रहीं थीं।

प्रावि गढ़ी जोरी और एलई में भी काफी कम बच्चे आए थे। एलई के 126 में से 20 छात्र-छात्राओं को स्वेटर ही नहीं मिले। वह ठिठुर रहे थे। प्रधानाध्यापिका ममता ने बताया कि विभाग से ही स्वेटर कम मिले थे। नारखी और जसराना के स्कूलों में भी यही हालात मिले।

कुछ स्कूलों से बड़े साइज के स्वेटर की मांग आई थी। जबकि हमने 36 नंबर तक स्वेटर मंगाए थे। मांग के अनुसार 38 और 40 नंबर के स्वेटर भी आ गए हैं। छुट्टियां होने के कारण इनका वितरण नहीं हो सका। मंगलवार को वितरण हो जाएगा।

अरविद पाठक, बीएसए फीरोजाबाद


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