बचानी है धरती तो पॉलीथिन को बोलो न..
पॉलीथिन के खिलाफ जन जागरूकता की मुहिम घर-घर तक पहुंच रही है।
संवाद सहयोगी, टूंडला: पॉलीथिन के खिलाफ जन जागरूकता की मुहिम घर-घर तक पहुंच रही है। दैनिक जागरण द्वारा चलाए जाने वाले अभियान के तहत बच्चों को शपथ दिलाई जा रही है। शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ बच्चे भी पॉलीथिन का प्रयोग न करने संबंधी सलाह परिजनों और परिचितों को दे रहे हैं। पॉलीथिन से होने वाले नुकसान समझाते हुए घर से थैला लेकर जाने का संदेश लोगों को दे रहे हैं।
नगर के तेल मिल रोड स्थित एसएसपी पब्लिक स्कूल में शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बच्चों के साथ आसपास रहने वालों ने पॉलीथिन का प्रयोग न करने की शपथ ली। स्कूल में हर रोज सुबह और शाम को बच्चों को संदेश दिया जा रहा है तो शनिवार को यहां पहुंचे तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा ने बच्चों को पॉलीथिन से होने वाले नुकसान समझाए। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन प्रतिबंध का फैसला जनहित के स्वास्थ्य लाभ को देख लिया है। पॉलीथिन धीमे जहर के रूप में काम करती है। यह नष्ट नहीं होती। जमीन में दबाने पर जमीन की उर्वरक क्षमता समाप्त हो जाती है। यदि इसे जलाएं तो निकलने वाला धुआं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। सांस द्वारा शरीर के अंदर पहुंचकर नुकसान पहुंचाने का काम करता है। नाले में गिरने पर यह जलभराव की वजह बनती है। जन सहयोग की अपेक्षा की। पॉलीथिन का प्रयोग न करने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि यदि कोई हमें पॉलीथिन का प्रयोग करते हुए दिखता है तो उसे भी पॉलीथिन से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। उन्होंने बच्चों, शिक्षकों और आस-पास के लोगों से थैले का प्रयोग करने की अपील की। कार्यक्रम जितेन्द्र शर्मा, मनीषा, उपेन्द्र सारस्वत, नरेन्द्र शर्मा, राजबहादुर आदि मौजूद रहे। पॉलीथिन प्रयोग न करने का संदेश लेकर गए बच्चे अब घरों पर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। माता-पिता को घर से कपड़े का बैग लेकर जाने की सलाह दे रहे हैं।
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'अभी तक हम पॉलीथिन का प्रयोग कर रहे थे लेकिन जैसे ही हमें इसके नुकसानों के बारे में जानकारी हुई। हमने आगे से पॉलीथिन का प्रयोग न करने का संकल्प कर लिया है। आगे से हमारे घर में पॉलीथिन का प्रयोग नहीं किया जाएगा।'
-योगेश श्रीवास्तव 'पॉलीथिन खाने से गोवंश भी खत्म हो रहा है। पॉलीथिन के प्रयोग से शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी हो रही हैं। सरकार ने पॉलीथिन पर रोक लगा अच्छा कदम उठाया है। सभी लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए।'
-लक्ष्मी शर्मा 'सब्जी और अन्य सामान लाने के लिए हम कपड़े के बने थैले का प्रयोग करेंगे। थैली में सामान लेकर नहीं आएंगे। पॉलीथिन से समाज और पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। यह बात हम सभी को समझनी होगी।'
-मनीष चतुर्वेदी 'गंदगी का दूसरा नाम ही पॉलीथिन है। पॉलीथिन कभी नष्ट नहीं होती। इसे जलाने पर वायु प्रदूषण होता है। हमने कभी भी पॉलीथिन का प्रयोग न करने का संकल्प लिया है। आगे भी और लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।'
अंजना शर्मा, प्रधानाचार्य