करोड़ों की खरीद में फंसे सेवानिवृत्त सीएमएस
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: अगस्त 2014 से दिसंबर 2016 तक जिला अस्पताल में तैनात रहे चर्चित सीएमएस डॉ शुक्ला की मुश्किलें बढ गई हैं।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: अगस्त 2014 से दिसंबर 2016 तक जिला अस्पताल में तैनात रहे चर्चित सीएमएस डॉ. अजय कुमार शुक्ला के कार्यकाल में हुई खरीद पर शासन ने जांच बैठा दी है। स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर रुकुम केश के नेतृत्व में जांच टीम ने मंगलवार को आकर जांच शुरू कर दी। इससे डॉ. शुक्ला के खास रहे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ठेकेदारों में भी खलबली मची हुई है। डॉ. शुक्ला के साथ जांच कमेटी के निशाने पर दो फार्मासिस्ट और एक बाबू भी हैं। टीम बुधवार को भी जिले में रहेगी तथा महिला एवं जिला अस्पताल के अभिलेखों की जांच करेगी।
अगस्त 2014 में जिला अस्पताल में सीएमएस का चार्ज लेने वाले डॉ. अजय कुमार शुक्ला पर काफी वक्त तक महिला अस्पताल का भी चार्ज रहा। एनआरएचएम के तहत उस वक्त आने वाले करोड़ों के बजट को देखते हुए डॉ. शुक्ला तत्कालीन अधिकारियों से सांठ-गांठ के बल पर दोनों का चार्ज देखते रहे। फीरोजाबाद से ही दिसबंर 2016 में वह सेवानिवृत्त हुए थे। उनके कार्यकाल में अस्पताल की व्यवस्थाओं के लिए करोड़ों का बजट मिला था। खरीदारी में मनमानी की शिकायतों पर उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव ने जांच बैठाई है। दवाओं के साथ उपकरण खरीद की जांच के आदेश दिए हैं। लखनऊ से स्वास्थ्य विभाग निदेशक रुकुम केश मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारी राजीव श्रीवास्तव के साथ यहां पहुंचे तथा महिला एवं जिला अस्पताल में खरीद संबंधी अभिलेख मांगे। विशेष सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार खरीदारी में फार्मासिस्ट जयवीर ¨सह, राकेश कुमार के साथ अन्य कर्मियों की भी संलिप्तता की आशंका जताई है।
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मैनपुरी और आगरा से बुलाए बाबू, रात तक सौंपे चार्ज :
महिला अस्पताल में हुई खरीदारी में भी डॉ. शुक्ला ने बड़ा खेल किया। कमीशन में नियमों का ध्यान नहीं रखा। नतीजा यह रहा उस वक्त यहां तैनात रहे बाबुओं ने दूसरे जिलों में स्थानांतरण के बाद भी अभी तक चार्ज नहीं सौंपा है। इस पर कई बार सवाल खडे़ हुए। शासन से आई टीम ने महिला अस्पताल में तैनात रहे बाबू पंकज मिश्रा (वर्तमान में सीएमओ मैनपुरी में कार्यरत) तथा रामसेवक (वर्तमान में आगरा में कार्यरत) को बुलवाया। डायरेक्टर ने इन्हें चेतावनी देते हुए कहा चाहे रात हो जाए, आज ही चार्ज हस्तांतरित कर दो, सुबह हम जांच करेंगे। देर शाम तक बाबू चार्ज हस्तांतरण में जुटे रहे। जांच के दौरान सीएमएस डॉ. आरके पांडे, डॉ. साधना राठौर एवं एसीएमओ डॉ. विनोद उपस्थित रहे।
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गर्मी में खरीदे थे हीटर, सर्दियों में हो गए बेकार :
सीएमएस डॉ. शुक्ला जिले में खरीदारी के लिए खासे चर्चित रहे थे। उन्होंने सर्दियों में काम आने वाले हीटर गर्मियों में खरीदे तो उस वक्त इनका भुगतान बाजार की कीमत से भी अधिक पर किया गया। सर्दियों में जब इन हीटर को प्रयोग किया गया तो कई हीटर भी खराब हो गए थे। इस तरह से सीएमएस ने कई खरीदारी की थी।
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बॉक्स--जागरण ने कई बार खोला था कमीशनखोरी का खेल :
डॉ. शुक्ला की तैनाती के दौरान अस्पताल में होने वाली खरीदारी के खेल को जागरण ने भी कई बार उठाया था। बगैर टेंडर सामान की खरीदारी के मामलों पर जागरण के खुलासे के बाद में भी डॉ. शुक्ला की ऊपर तक से¨टग के चलते हर बार मामले को दबा दिया गया।
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नगर विधायक ने भी की शिकायत :
नगर विधायक मनीष असीजा ने भी डॉ. शुक्ला के कार्यकाल में हुई खरीद पर कई बार सवाल उठाए थे। विधानसभा में इस मामले को उठाने के साथ में उन्होंने शासन में भी इसकी शिकायत की थी।
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--इन गड़बड़ियों की चर्चा--
* चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए डीडी के बजाय चेक जमा कर बांटे थे टेंडर।
* सीएमओ दफ्तर से अधिकृत फर्मों को काम देने के बजाय चहेतों से वर्क ऑर्डर पर अधिक कीमत के सामान की खरीदारी।
* बाजार से अधिक कीमत पर घटिया सामान खरीदने की शिकायत।