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दिव्यांगों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला रैकेट बेनकाब

फीरोजाबाद: यूनिक आइडी के लिए ऑनलाइन कराने पहुंचे दिव्यांग तब हुआ भंडाफोड़। दफ्तर में नहीं है कोई रिकॉर्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र से पा रहे हैं सुविधाएं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 08:36 PM (IST)
दिव्यांगों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला रैकेट बेनकाब
दिव्यांगों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला रैकेट बेनकाब

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने वाला गैंग सक्रिय है। गैंग सीएमओ दफ्तर से प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर दिव्यांगों से पैसे लेता है और उन्हें फर्जी प्रमाण पत्र थमाता है। पिछले सालों में बने ऐसे दो प्रमाण पत्र सामने आने पर अधिकारी हैरान हैं। सीएमओ डॉ. एसके दीक्षित ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजते हुए आशंका जताई है कि समानांतर दफ्तर चलाते हुए गिरोह फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर रहा है।

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सरकार ने दिव्यांगों के लिए यूनिक आइडी जारी करने के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। जिले में भी इन दिनों प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने का काम चल रहा है। पिछले दिनों कैलाश नगर निवासी शिवकुमार नंदन सीएमओ दफ्तर में अपने प्रमाण पत्र को ऑनलाइन कराने गए, तो दफ्तर के बाबुओं को उनका कहीं रिकॉर्ड नहीं मिला। प्रमाण पत्र पर जो मुहर व हस्ताक्षर थे, वो फर्जी थे। ऐसा सिर्फ एक मामला नहीं था, बल्कि रामबेटी राजपूत का भी प्रमाण पत्र इसी तरह मिला। जब आवेदकों से पता किया, तो बताया कि उन्होंने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक दलाल से संपर्क किया था। उसने ही प्रमाण पत्र बनाकर दिए हैं।

सिर्फ नौकरी लगने पर होता है सत्यापन

सीएमओ दफ्तर की मानें तो किसी दिव्यांग की नौकरी लगने पर ही उसका प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए आता है, लेकिन बस पास व अन्य सुविधाओं के लिए सत्यापन नहीं होता है। ऐसे में इन फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों से यह लाभ पाते रहे।

कागजों में 40, प्रमाण पत्र में 80 फीसद

दिव्यांगता प्रमाण पत्र में सिर्फ इतना ही खेल नहीं हुआ है, बल्कि कई दिव्यांगता प्रमाण पत्रों में लाभ के लिए दिव्यागंता का प्रतिशत बढ़ा लिया गया। नेहरू नगर थाना उत्तर निवासी आनंद सागर के दिव्यांग प्रमाण पत्र में दिव्यांगता 80 फीसद अंकित थी, जबकि जांच के दौरान वह 40 फीसद दिव्यांग थे। सीएमओ दफ्तर के रजिस्टर में भी यही अंकित है। कुछ ऐसा ही मामला जुगल किशोर निवासी सुहाग नगर के प्रमाण पत्र में मिला है। रजिस्टर में 50 फीसद दिव्यांगता थी, जबकि प्रमाण पत्र में इसे बढ़ा रखा था। मामले में सीएमओ ने दोनों दिव्यांगों के खिलाफ जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजते हुए कार्रवाई की संस्तुति की है।

ऑनलाइन फी¨डग के दौरान कुछ प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं, जो हमारे दफ्तर के नहीं हैं। इन प्रमाण पत्रों के बारे में डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। अगर कोई बाहर से फर्जी प्रमाण पत्र बना रहा है, तो इसकी पुलिस जांच करेगी और ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. एसके दीक्षित, सीएमओ।


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