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अभियंता बोले, तत्काल इस्तीफा दें ऊर्जा मंत्री

पीएफ घोटाले के विरोध में दूसरे दिन अभियंताओं का कार्य बहिष्कार जारी दोषियों पर जल्द कार्रवाई न होने पर 28 से अनिश्चित आंदोलन का एलान

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:04 AM (IST)
अभियंता बोले, तत्काल इस्तीफा दें ऊर्जा मंत्री
अभियंता बोले, तत्काल इस्तीफा दें ऊर्जा मंत्री

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पीएफ घोटाले के विरोध में जूनियर इंजीनियरों का दूसरे दिन कार्य बहिष्कार जारी रहा। लेबर कॉलोनी स्थित विद्युत कार्यालय पर सुबह दस से धरना शुरू हुआ। इसमें अभियंताओं ने सीबीआइ जांच व ऊर्जा मंत्री से इस्तीफा देने की मांग उठाई।

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राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर संगठन के अध्यक्ष अहमद हुसैन की अध्यक्षता में सुबह दस बजे से धरना शुरू हुआ। दक्षिणांचल क्षेत्र अध्यक्ष राजवीर सिंह ने कहा कि ऊर्जा निगम द्वारा नियमों की अनदेखी कर कर्मचारियों के जीपीएफ की धनराशि डिफॉल्टर निजी कंपनी डीएचएफएल में निवेश कर दिया। प्रदेश सरकार जल्द कर्मचारियों के 2600 करोड़ भविष्य निधि धनराशि की गारंटी ले। यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि पीएफ घोटाले की नैतिक जिम्मेदारी लेकर ऊर्जा मंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें।

आगरा क्षेत्र अध्यक्ष धर्मेंद्र राजपूत ने कहा कि सरकार जल्द मांग नहीं मानती है तो 27 नवंबर को मशाल जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 28 से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू होगा, जिसमें सभी अधिकारी, कर्मचारी होंगे। जनपद सचिव इंजीनियर अनुज भारद्वाज ने पूर्व चेयरमैन आलोक कुमार को दोषी करार देते हुए गिरफ्तारी की मांग उठाई। मौके पर एससी शर्मा, अभिषेक कुमार, अमित कुमार, जितेंद्र कुमार, बबलू गौतम, मनीष कुमार, सत्येंद्र कुमार, रंजीत सिंह, राजकुमार, विवेक नारायन उपस्थित रहे। आंदोलन की भेंट चढ़ा बिजली चोरों के खिलाफ अभियान:

सुहागनगरी में व्यापक पैमाने पर बिजली चोरी हो रही है। फीरोजाबाद सर्वाधिक बिजली चोरी वाले जिलों में शामिल है। एमडी की सख्ती के बाद विद्युत विभाग द्वारा बिजली चोरों के खिलाफ महा अभियान शुरू किया। दस हजार से अधिक के बकाएदारों पर भी सप्ताह में तीन दिन अभियान चल रहा था, जिसमें हजारों बकायेदारों की बिजली काटी गई। पीएफ घोटाला के विरोध में 12 नवंबर से शुरू हुए आंदोलन से बिजली चोरी व बकाएदारों के खिलाफ अभियान भी ठप हो गए। आंदोलन के चलते अधिकारियों को बिजली चोरी बढ़ने व कम राजस्व आने की चिता सता रही है।


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