दो सामुदायिक शौचालयों के भुगतान पर रोक
परियर और फरीदा पैढ़त में सत्यापन के दौरान मिली थीं कमियां प्रधान और सचिवों ने न सुधार किया और न नोटिस का जवाब दिया।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों में डीपीआरओ कार्यालय से आने वाले नोटिसों का डर नहीं बचा है। वे उसका जवाब तक देना जरूरी नहीं समझते हैं। ऐसे दो सचिवों को सबक सिखाने के लिए सामुदायिक शौचालयों के भुगतान पर रोक लगाई गई है।
मदनपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत परिसर में 17 सितंबर को निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय का सत्यापन कराया गया था। इसमें महिला शौचालय की एक दीवार गिरासू हालत में मिली। गेट के ऊपर दरार थी और दरवाजे जमीन से टकरा रहे थे। इन कमियों को सुधरवाने के निर्देश देने के साथ ही सचिव से स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन उन्हें अब तक जवाब नहीं दिया है। कमियां भी जस की तस हैं।
इसी तरह का मामला एका ब्लाक की ग्राम पंचायत फरीदा पैंढ़त का है। 21 सितंबर को हुए सत्यापन में चिनाई डस्ट से होती मिली। कमरों की ऊंचाई छह फीट से कम थी। डीपीआरओ नीरज कुमार सिन्हा ने भुगतान पर रोक के आदेश दिए हैं।
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-बरतरा के प्रधान और सचिव को एफआइआर की चेतावनी: नारखी की ग्राम पंचायत बरतरा के प्रधान सत्यप्रकाश और सचिव अश्वनी कुमार प्रथम को नोटिस जारी कर एफआइआर की चेतावनी दी है। डीपीआरओ ने बताया कि इस पंचायत में 287 शौचालय बनने थे, लेकिन अब तक 247 ही बने हैं। इनमें भी 25 ऐसे हैं, जिनमें एक भी गड्ढा नहीं है।
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हर शौचालय का होगा सत्यापन
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बने सभी शौचालयों का सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए डीपीआरओ ने सभी खंड प्रेरकों को पंचायतों की सूची उपलब्ध करा दी है। वहीं 91 पंचायतों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से सत्यापन कराने के लिए डीसी एनआरएलएम को पत्र लिखा गया है।