Firozabad News: चौबीस घंटे में दूसरी घटना, खेत जा रहे वृद्ध पर सांड ने किया हमला, इस साल सात लोगों की हुई मौत
Firozabad News चौबीस घंटे में दूसरी घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई है। शुक्रवार को ही सांडों की लड़ाई में पलटा था आटो। इस साल सात लोगों की जा चुकी है जान सो रहा प्रशासन। सांडों के हमले के बाद अब दहशत लोगों के दिलों में है।
फिरोजाबाद, जागरण टीम। फिरोजाबाद जिले में सड़कों पर घूम रहे सांड जानलेवा साबित हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शनिवार को सिरसागंज के आजमाबाद में सांड ने खेत जा रहे वृद्ध पर हमला बोल दिया, जिसमें उसकी जान चली गई। इससे पहले शुक्रवार को सांडों की लड़ाई में आशा कार्यकर्ताओं का आटो पलट गया था।
सांड़ ने बोल दिया किसान पर हमला
घटना शनिवार सुबह सात बजे की है। आजमाबाद निवासी 65 वर्षीय रमेश चंद्र सुबह खेत पर जा रहे थे। रास्ते में पीछे से आए सांड़ ने रमेश पर हमला बोल दिया। उन्हें उठाकर पटक दिया, जिससे गंभीर रूप से घायल हो गए। वृद्ध की चीखपुकार सुनकर पहुंचे लोगों ने सांड को दौड़ाकर भगाया। इसके बाद घायल को शिकोहाबाद के संयुक्त जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान वृद्ध की मौत हो गई।
सूचना पर पहुंची सिरसागंज थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। चार भाइयों में सबसे बड़े रमेश चंद्र खेती व गांव में मजदूरी करते थे। इंस्पेक्टर सिरसागंज उदयवीर सिंह मलिक ने बताया कि सांड़ के हमले से वृद्ध की मौत हुई है।
दौलतपुर में ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला था सांड
नारखी क्षेत्र के गांव दौलतपुर में एक माह पहले साड़ ने वृद्ध की जान ले ली थी। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने साड़ काे पीट-पीटकर मार डाला था।
इस साल इन स्थानों पर गोवंश के हमले में जा चुकी है जान
- 15 फरवरी को रामगढ़ थाना क्षेत्र के गांव मैलई निवासी किशन व उसके पुत्र की मौत।
- 20 फरवरी: नारखी में सांड के हमले से राजबेटी निवासी भौडे़ला की मौत।
- 04 मार्च: रामगढ़ क्षेत्र में ममता डिग्री कालेज के पास सांड के हमले से सूबेदार सिंह की मौत।
- 13 मार्च को सिरसागंज के गुंजन चौराहे सांड की टक्कर से बाइक सवार सोनू और भईयालाल निवासी रामगढ़ की मौत।
हाईवे से गांवों की सड़कों तक है बेसहारा आतंक
बेसहारा पशुओं का आतंक हाईवे से लेकर गांवों की सड़कों पर लगातार बढ़ता जा रहा है। कहने को गांवों में गोवंश के लिए आश्रय स्थल खोले गए हैं, लेकिन प्रशासन का इन पर कोई ध्यान नहीं है। सड़क से लेकर गांव तक दिन रात बेसहारा पशु घूमते हैं। मार्च में सिरसागंज में सांड की टक्कर से बाइक सवार दो दोस्तों की जान चली गई थी।