अफसरों ने नहीं ली सुधि, समाजसेवियों ने की मदद
अफसरों ने नहीं ली सुधि समाजसेवियों ने की मदद
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: दो माह से अधिक समय से लागू लॉकडाउन को सरकार ने अनलॉक कर दिया, लेकिन सड़क किनारे रहने वाले तमाम गरीब परिवारों के घरों पर सरकारी रसोई से खाना या खाद्यान्न सामग्री नियमित नहीं उपलब्ध कराई गई। वे सुबह-शाम भोजन के लिए समाजसेवियों और यूपी 112 पुलिस की व्यवस्था पर निर्भर रहे। लॉकडाउन बढ़ने के साथ ही समाजसेवियों की संख्या भी घटती गई और यूपी 112 गाड़ी का उनके घरों पर भोजन लेकर आना बंद हो गया। दैनिक जागरण ने शहर के दो अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले दो लोहा पीटा परिवारों की आपबीती को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो अफसरों की आंख तो नहीं खुली, लेकिन एस. सछ्वावना वेलफेयर सोसायटी के लोग मंगलवार दोपहर उनके घरों पर रसोई की सभी सामग्री लेकर पहुंच गए। - रसोई का सामान पाकर खुश हो गई अंगूरी देवी-
सुहागनगर में सड़क किनारे रहने वाले लोहापीटा परिवार के मुखिया चरन सिंह की पत्नी अंगूरी देवी ने बताया कि उनके घर पर एक-डेढ़ माह पहले अधिकारी खाना लेकर आए थे। उसके बाद कोई नहीं आया। मंगलवार दोपहर तक वह अफसरों और समाजसेवियों द्वारा खाना लेकर आने का इंतजार करती रही, लेकिन कोई नहीं आया। इस बीच एस. सदभावना वेलफेयर सोसायटी के निर्भय गुप्ता और प्रशांत गुप्ता ने संस्था के दो पदाधिकारियों योगेश गुप्ता और ब्रजेश गुप्ता के जरिए उनके घर पर रसोई का पूरा सामान भिजवाया गया तो उनका चेहरा खिल उठा। - अब परिवार को कुछ दिन खाने की दिक्कत नहीं आएगी
बजरंग नगर निवासी लोहापीटा परिवार की सदस्य गीता देवी ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के 20-25 दिन बाद एक बार अधिकारी उनके घर आटा-चावल, दाल और खाने का अन्य सामान लेकर आए थे। इसके बाद कोई नहीं आया। लॉकडाउन के दौरान कामकाज बंद रहने से खाने के सामान की दिक्कत हो गई थी। दैनिक जागरण के प्रयास से मंगलवार को उनके घर एस. सदभावना वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों द्वारा खाद्यान्न की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इससे परिवार को कुछ दिन खाने की दिक्कत नहीं आएगी।