सुहाग नगरी में कम होने के बजाय बढ़ गए टीबी रोगी
फीरोजाबाद जासं। केंद्र सरकार ने पूरे देश से वर्ष 2025 तक टीबी का खात्मा करने की योजना तैयार की है। लेकिन जिले में पिछले दो साल में क्षय रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इस साल अब तक सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों के यहां 843 रोगी इलाज के लिए आ चुके हैं।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: केंद्र सरकार ने पूरे देश से वर्ष 2025 तक टीबी का खात्मा करने की योजना तैयार की है। लेकिन, जिले में पिछले दो साल में क्षय रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इस साल अब तक सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों के यहां 843 रोगी इलाज के लिए आ चुके हैं।
देश को टीबी से मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दो साल पहले नि:क्षय योजना शुरू की। योजना के तहत प्राइवेट डॉक्टरों की भी मदद ली जा रही है। निजी डॉक्टर अपने यहां आने वाले रोगियों का ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर उपलब्ध कराते हैं। हर मरीज के हिसाब से विभाग द्वारा उन्हें 500 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा टीबी रोगियों को भी बेहतर खान-पान के लिए हर महीने 500-500 रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं। परंतु इसके बाद भी रोगियों की संख्या बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में सरकारी और निजी डॉक्टरों के यहां 4110 रोगी आए थे, जबकि 2018 में यह संख्या बढ़कर 6007 हो गई। इस साल में भी अब तक 843 रोगियों का रजिस्ट्रेशन जनपद में किया गया है। इस बारे में जानकारी करने पर डीटीओ डॉ. आरएस अत्येंद्र ने बताया कि विभाग का प्रयास हरेक टीबी रोगी तक पहुंचने की है। समय-समय पर अभियान चलाकर रोगी ढूंढे जाते हैं, इसलिए यह संख्या बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों में आ रहे अधिक रोगी
आंकड़ों के अनुसार, निजी अस्पतालों की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों में अधिक टीबी रोगी आते हैं। इस साल टीबी क्लीनिक और अन्य सरकारी अस्पतालों में 593 रोगी आए, जबकि प्राइवेट डॉक्टरों के पास 250 रोगी ही पहुंचे।