उद्योग को बंदिशों से मुक्त कराने वाला हो सांसद
फीरोजाबादजागरण संवाददाता। उद्यमियों के बीच सांसद चुने जाने की बात उठी तो दर्द सामने आ गया। सुहाग नगरी के उद्यमियों ने सरकारी बंदिशों में फंसे उद्योग की मुश्किलें बयां की। बोले फीरोजाबाद को एक ऐसे सांसद की जरुरत है जो यहां रहकर उद्योग जगत की मुश्किलों को समझे और ताज ट्रिपेजियम जोन की बंदिशों से मुक्त करवाकर स्पेशल इकनॉमिक जोन के लिए पैरवी करे। उद्यमियों ने कहा कि जब इकनॉमी में ठहराव आता है तो देश की आर्थिक स्थिति गिरती है। फीरोजाबाद का उद्योग जगत सरकार की उपेक्षा का शिकार होकर ठहराव में आ रहा है। यदि ऐसा रहा तो आने वाला वक्त मुश्किलों से भरा होगा।
फीरोजाबाद,जागरण संवाददाता। उद्यमियों के बीच सांसद चुने जाने की बात उठी तो दर्द सामने आ गया। सुहाग नगरी के उद्यमियों ने सरकारी बंदिशों में फंसे उद्योग की मुश्किलें बयां की। बोले, फीरोजाबाद को एक ऐसे सांसद की जरुरत है जो यहां रहकर उद्योग जगत की मुश्किलों को समझे और ताज ट्रिपेजियम जोन की बंदिशों से मुक्त करवाकर स्पेशल इकनॉमिक जोन के लिए पैरवी करे। उद्यमियों ने कहा कि जब इकनॉमी में ठहराव आता है तो देश की आर्थिक स्थिति गिरती है। फीरोजाबाद का उद्योग जगत सरकार की उपेक्षा का शिकार होकर ठहराव में आ रहा है। यदि ऐसा रहा तो आने वाला वक्त मुश्किलों से भरा होगा।
ट्रॉमा सेंटर में दैनिक जागरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम मेरा शहर-मेरा सांसद कार्यक्रम में कांच और चूड़ी उद्योग से जुड़े उद्यमियों के साथ चर्चा की तो उद्योग जगत की मुश्किलें और सांसद से अपेक्षाएं सामने आईं। उद्यमियों का कहना था छोटी लागत में सबसे ज्यादा मजदूरों को रोजगार देने वाला चूड़ी उद्योग समस्याओं से जूझ रहा है। बिना सरकार की मदद से यह सांसें तोड़ देगा। गैस की समस्या के साथ-साथ तकनीकि इस उद्योग में नहीं आ पाई है। सब काम पुराने और मैन्युअल तरीके से हो रहा है। वहीं कांच उद्यमियों का कहना था कि हम 21 वीं सदी में जी रही लेकिन बंदिशों के चलते उत्पादन 1982 वाला करना पड़ रहा है। न तो हम विस्तार कर सकते हैं और न उत्पादन बढ़ा सकते हैं। साढ़े चार सौ से ज्यादा इकाइयां गैस न मिलने से दम तोड़ चुकी हैं। प्रधानमंत्री बनने से पूर्व नरेंद्र मोदी ने चुनावी जनसभा का कांच जगत की उम्मीदें बढ़ाई थी, मगर कुछ नहीं हुआ। फीरोजाबाद गैस के मामले में सबसे उपेक्षित उद्योग नगरी है। बातों में यह भी आया कि सांसद ऐसा हो जो शहर में रहे न कि पैराशूट से उतरे और चला जाए। शहर में और दिल्ली में फीरोजाबाद वालों के लिए मिलने का वक्त दे और उनकी समस्याओं का हल करे।