Navratri 2022: फिरोजाबाद का वैष्णो देवी मंदिर, यहां कटरा से आई थी अखंड ज्योति, नौ दिन उमड़ती है आस्था
Navratri पहले दिन श्रद्धालुओं ने मां जगदंबा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की विध विधान से आराधना की। उसायनी स्थित वैष्णो देवी धाम में भी सुबह से शाम तक मातारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रहीं।ज्योति लाई गई थी।
फिरोजाबाद, जागरण टीम। यूपी के फिरोजाबाद में माता वैष्णो देवी का मंदिर स्थापित है। ये मंदिर नवरात्रि में लोगों की आस्था का केंद्र रहता है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और मन की मुराद मांगते हैं। जम्मू-कश्मीर न पहुंचने वाले श्रद्धालु यहां आकर माता की पिंडी को चुनरी समर्पित करते हैं। वैष्णो देवी की पिंडी और गुफा को जम्मू-कश्मीर का ही स्वरूप देने की कोशिश की गई है।
वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास
फिरोजाबाद और टूंडला के बीच हाईवे किनारे गांव उसायनी में मां वैष्णोदेवी देवी मंदिर स्थापित है। इसकी आधारशिला वर्ष 2004 में रखी गई थी। मंदिर का निर्माण धीरे-धीरे प्रारंभ हुआ। मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा फरवरी 2010 में जम्मू स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर से अखंड ज्योति लाई गई थी। यहां नवरात्र में हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है।
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ये हैं मंदिर की विशेषताएं
कम समय में ही मां वैष्णोदेवी मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। यहां फिरोजाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के जिले के श्रद्धालु भी दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में मां वैष्णो देवी पिंडी रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देती हैं। जम्मू कटरा में बने माता वैष्णो देवी मंदिर की तरह इस मंदिर में भी गुफा आकर्षण का केंद्र है।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर में वास्तुकला की पारंपरिक शैली का ध्यान रखा गया है। मंदिर की दीवारों पर देवियों की प्रतिमाएं बनाई गई हैं। वहीं मंदिर में नक्काशी कराई गई है, जो मंदिर की भव्यता में चार चांद लगा रही है।
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अभी मंदिर के निर्माण को 12 वर्ष हुए हैं। माता की कृपा से मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। यहां सच्चे मन से जो भी श्रद्धालु मन्नत का धागा बांधता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।- खेमराज ओझा, मंदिर महंत
मैं पिछले कई वर्षों से मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए आती हूं। माता के चमत्कार का प्रताप है, कि यहां श्रद्धालु की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। मंदिर में आकर सभी दुख दूर हो जाते हैं। प्रेमलता