मम्मी कल मेरा बर्थ डे है, कहीं दूर चलो..
गरीबी के कारण हर्षित के घर में नहीं था जश्न मनाने का इंतजाम मां ने बनाई थी बेटे को मनपसंद खाना खिलाने की योजना
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। मम्मी कल मेरा बर्थ डे है, कहीं दूर चलो। हर्षित के यह शब्द उसकी मां के कानों में अभी तक गूंज रहे हैं। उन्हें क्या पता था कि रविवार को जन्मदिन पर उनके कहीं घूमाने के लिए ले जाने से पहले ही हर्षित इतना दूर चला जाएगा कि फिर कभी वापस नहीं आ सकेगा।
मृत बालक के पिता नरेंद्र ने बताया कि पति-पत्नी की बीमारी के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसीलिए जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम करने का विचार नहीं था। उनकी पत्नी ने घर पर ही हर्षित की पसंद का खाना बनवाने और मिठाई मंगवाने का विचार किया था। ईश्वर ने इसका मौका ही नहीं दिया। वह सबसे रूठ कर चला गया। मां रेनू घर पर ही चूड़ी जोड़ने का काम करती है।
नगर निगम की लापरवाही ने ले ली बच्चे की जान: नगर निगम क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसा इलाका होगा, जहां मुख्य नाले खुले न पड़े हों। आबादी क्षेत्र में भी इन्हें ढकने या किनारे पर रेलिग लगाने के प्रयास नहीं किए हैं। सर्कुलर रोड से पेमेश्वर गेट होते हुए मोहल्ला बासठ की तरफ जाने वाले नाले की बात हो या संतनगर, कोटला रोड पर महादेवनगर, रेहना से सीएल जैन, सुहागनगर होते हुए झरना नाला, चन्द्रवार गेट और आसफाबाद नाला। ये सभी खुले पड़े हैं। इन नालों में आए दिन पशु गिरते हैं। कई बार इनको बचा लिया जाता है और कई बार जानवर दम तोड़ देते हैं। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन ने इन नालों को ढकवाने की कोशिश नहीं की है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नाला गंदगी से अटा पड़ा था। यदि नाला साफ होता तो शायद बच्चे की जान नहीं जाती। इस हादसे ने बेसहारा गोवंश को गोशालाओं में रखे जाने के मुख्यमंत्री के आदेशों की हकीकत सामने ला दी है। आबादी में घूमने वाले बेसहारा गोवंश के कारण आए दिन हादसे होते हैं। रविवार को यही गोवंश बच्चे की मौत का कारण बना। मेयर नूतन राठौर का कहना है कि जिस नाले में बच्चा गिरा वह सिचाई विभाग का है। शहर के नालों को ढकने के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
शासन से दिलाएंगे आर्थिक मदद: दर विधायक मनीष असीजा ने बताया कि फिलहाल जिला प्रशासन से तत्कालिक मदद दिला दी गई है। अब मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी पीड़ित परिवार को अधिक से अधिक सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।