कोई खोज रहा कोशिका, किसी को नहीं मिल रहे पेज
सरकार द्वारा जो किताबों प्राइमरी व जूनियर स्कूल के बच्चों को बांटी गई हैं, उनमें कई पेज ही गायब हैं। छात्र कोशिका को खोज रहे हैं, लेकिन संबंधित पेज ही नहीं मिल रहे। इससे परेशानी हो रही है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अभिषेक एक सहायता प्राप्त स्कूल में कक्षा आठ का छात्र है। स्कूल में विज्ञान के शिक्षक ने इकाई छह में कोशिका के संबंध में समझाया। वह किताब में ही मुख्य प्वाइंट पर निशान लगवा रहे थे, लेकिन अभिषेक किताब में पेज ही खोजता रह गया। पेज नहीं मिला। उसकी किताब में पेज नंबर 53 के बाद सीधे 63 है। बाद में उसने शिक्षक को जब समस्या बताई तो उन्होंने किसी दोस्त की किताब से मदद लेने के लिए कहा।
यह स्थिति सिर्फ एक छात्र की नहीं है। इसी कॉलेज में चार-पांच छात्र ऐसे हैं जिनकी किताब आओ विज्ञान सीखें, में पेज नंबर 40 के बाद सीधे 45 है। दो पेज के काम के लिए उसे भटकना पड़ रहा है। यह तो सिर्फ एक ही स्कूल के मामले हैं जो शिक्षक की संजीदगी के ही कारण संज्ञान में आ गए, जबिक सूत्रों की मानें तो करीब हर स्कूल में यही स्थिति है। सरकारी किताबों की छपाई प्रदेश स्तर पर होती है, सप्लाई भी वहीं से होती है। उक्त किताबें मथुरा के एक प्रकाशक द्वारा प्रकाशित बताई जा रही हैं। चूंकि आदेश शासन से जारी होता है लिहाजा इन्हें स्थानीय स्तर पर शिकायत से भी डर नहीं लगता। बेसिक शिक्षा विभाग के ही एक स्कूल में कार्यरत शिक्षिका कहती हैं, इस बार किताबों की बाइं¨डग भी ठीक नहीं है। किताबों से कुछ ही दिनों में पेज निकल रहे हैं।
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'हमारे संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है। हम शिक्षकों को आदेश करेंगे। वह अपने बच्चों की किताबें देखें। अगर किताब में से पेज गायब हैं और अन्य गलतियां हैं तो हमें अवगत कराएं। किताबें बदली जाएंगी तथा इन गलतियों के लिए प्रकाशक के भुगतान में कटौती के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।'
-अर¨वद कुमार पाठक
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी