साइकिल से काम पर निकले लेखपाल
कुछ ने ऑटो और कुछ ने टैंपो का लिया सहारा कोई मांगता दिखा लिफ्ट मांगों को लेकर सरकारी काम में निजी वाहन का उपयोग न करने का एलान
फीरोजाबाद, जासं, बुधवार को लेखपालों का बीस साल पुराना दौर दिखाई दिया। कई लेखपाल साइकिल से ड्यूटी पर जाते नजर आए। वहीं कुछ ऑटो और टैंपो से जाते मिले। लेखपालों ने सरकारी वाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिए हैं।
वेतन, भत्तों में विसंगति समेत अन्य समस्याओं को लेकर प्रदेश के लेखपाल आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने 19 नवंबर से सरकारी काम में निजी वाहनों का उपयोग न करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि सरकार उन्हें पेट्रोल डीजल भत्ता नहीं देती। इसलिए अब वे साइकिल से चलेंगे। बुधवार को वैसे तो स्थानीय अवकाश था, लेकिन सूफी शाह के उर्स की व्यवस्थाओं में ड्यूटी पर तैनात लेखपाल सुबह सार्वजनिक वाहनों से दरगाह तक पहुंचे। सदर तहसील में तैनात उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आगरा खंड मंत्री बिजेंद्र सिंह यादव साइकिल से उर्स में पहुंचे।
वहीं संजय सिंह अपने गांव से एक युवक से लिफ्ट मांग कर बाइक से चंद्रवार गेट तक पहुंचे। वहां से ऑटो में बैठकर आगे का सफर तय किया। हजारों की भीड़ होने के कारण ऑटो दरगाह से पौन किलोमीटर दूर ही रोके जा रहे थे। लिहाजा यहां से आगे का रास्ता उनके साथ राधेश्याम एवं अन्य लेखपालों ने पैदल तय किया। लौटने पर भी यही तरीका अपनाया गया। प्रभावित होंगे सरकारी काम:
लेखपालों के आंदोलन से सरकारी कामकाज प्रभावित होंगे। एक लेखपालों के पास दर्जनों गांव और मुहल्लों का क्षेत्र होता है। इनमें साइकिल से भ्रमण करना और तहसील आकर समय से काम निपटाना मुश्किल है। लेखपाल संघ के सदर तहसील अध्यक्ष नेपाल सिंह बघेल का कहना है कि सरकार के दिए मोबाइल में वाट्सएप नहीं चलता। इसलिए सभी लेखपाल सरकारी वाट्सएस ग्रुप से बाहर हो गए हैं।