वकील की लाश पर पांच घंटे चला सीमा विवाद का 'मुकदमा'
हाईवे किनारे एफएच मेडिकल कॉलेज के समीप ट्रेन की चपेट में आने से टूंडला के एक अधिवक्ता की मौत हो गई। पंचनामा भरने के लिए दो जिलों की पुलिस में सीमा विवाद को लेकर बहस होती रही। पांच घंटे बाद परिजनों के हंगामे के बाद एसएसपी आगरा के आदेश पर एत्मादपुर पुलिस ने कार्रवाई की।
संवाद सहयोगी, टूंडला: एफएच मेडिकल कॉलेज के समीप ट्रेन की चपेट में आने से टूंडला के एक अधिवक्ता की मौत हो गई। सीमा क्षेत्र को लेकर दो जिलों की पुलिस के बीच बहस होती रही, लेकिन नतीजा सिफर रहा। परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने के बाद आगरा एसएसपी के के हस्तक्षेप पर पांच घंटे बाद एत्मादपुर पुलिस ने शव का पंचनामा भरा।
रचनापुरम नई बस्ती (टूंडला) निवासी 70 वर्षीय एडवोकेट रिसाल ¨सह यादव एत्मादपुर तहसील में वकालत करते थे। रोज की तरह वह सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे साइकिल से तहसील के लिए निकले। एफएच मेडिकल कॉलेज के निकट रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। पीडब्लूआइ रेलवे एमएल मीणा मीमो लेकर एत्मादपुर थाने पहुंचे तो पुलिस ने मीमो नहीं लिया। करीब दस बजे दारोगा अजहर अली व बबलू कुमार मौके पर पहुंचे और घटनास्थल टूंडला थाने की सीमा में बताते हुए कार्रवाई से इन्कार कर दिया। दोपहर करीब एक बजे टूंडला इंस्पेक्टर अनिल भदौरिया भी मौके पर पहुंचे। यहां दोनों ही थानों की पुलिस घटना स्थल एक-दूसरे के क्षेत्र में बताती रही। करीब पांच घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो परिजनों का धैर्य जवाब दे गया। परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामला एसएसपी आगरा तक पहुंचा तो एत्मादपुर एसएसआइ केशवदत्त शर्मा दोपहर करीब डेढ़ बजे मौके पर आए और पंचनामा भरवाया। इंस्पेक्टर नितिन कसाना का कहना है घटना स्थल टूंडला क्षेत्र का है, लेकिन टूंडला पुलिस के तैयार न होने पर परिजनों के कहने पर पंचनामा भरवाया गया है।
गिड़गिड़ाते रहे परिजन, नहीं पसीजा का दिल:
घटना स्थल पर अधिवक्ता का शव करीब पांच घंटे तक पड़ा रहा। परिजन बिलखते रहे, लेकिन दो जिलों की पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। बाद में पुलिस अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ही एत्मादपुर पुलिस ने पंचनामा की कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा। धूप में पड़ा रहा अधिवक्ता का शव:
मृतक के पुत्र संजीव यादव का कहना है कि दो जिलों की पुलिस की संवेदनहीनता के चलते पिता का शव पांच घंटे धूप में पड़ा रहा। हमने कई बार पुलिसकर्मियों से पंचनामा की कार्रवाई करने को गुहार लगाई, लेकिन वे तैयार ही नहीं हुए। कई घंटे बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की।