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हर माह हो रही थी हजारों टन राशन की कालाबाजारी

फीरोजाबादजासं। आधार डुप्लीकेसी से प्रदेश में हर महीने हजारों मीट्रिक टन राशन की चोरी हो रही थी। डीलरों ने राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए बनाई गई व्यवस्था में ही सेंध लगा दी थी। उन्होंने दूसरे जिलों में रहने वाले रिश्तेदार और परिचितों के आधार कार्ड अपने यहां लगा लिए। इसके बाद हर महीने उनके नाम से राशन निकालते रहे। इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत रही।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 11:09 PM (IST)
हर माह हो रही थी हजारों टन राशन की कालाबाजारी
हर माह हो रही थी हजारों टन राशन की कालाबाजारी

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: आधार डुप्लीकेसी से प्रदेश में हर महीने हजारों मीट्रिक टन राशन की चोरी हो रही थी। डीलरों ने राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए बनाई गई व्यवस्था में ही सेंध लगा दी थी। उन्होंने दूसरे जिलों में रहने वाले रिश्तेदार और परिचितों के आधार कार्ड अपने यहां लगा लिए। इसके बाद हर महीने उनके नाम से राशन निकालते रहे। इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत रही।

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शासन ने राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए राशन कार्डों को आधार कार्डों से लिक कराया था। माना जा रहा था कि इससे खाद्यान्न की चोरी नहीं हो पाएगी, लेकिन कुछ डीलरों ने इसकी काट खोज ली। एक ही आधार कार्ड को कई-कई दुकानों पर लगा दिया। इसकी जानकारी होने पर विभाग ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया। इससे एक आधार कार्ड के एक से अधिक राशन कार्ड में लगे होने की जानकारी मिल जाती थी। डीलरों ने इसमें भी सेंध लगा ली। दरअसल यह सॉफ्टवेयर एक ही जिले में आधार कार्ड के एक से अधिक बार उपयोग में आने की जानकारी दे पा रहा था।

यह पता चलते ही डीलरों ने दूसरे जिलों से आधार कार्ड मंगा कर अपने यहां यूनिट बढ़ा लीं और हर महीने राशन निकालते रहे। कुछ डीलरों ने अपने रिश्तेदारों के राशन कार्ड दूसरे डीलर को दे दिए और दूसरी डीलर के रिश्तेदारों के अपने यहां लगा लिए। इस तरह यह खेल लंबे समय से चल रहा था। इसमें विभागीय अधिकारी भी मिले हुए थे। दैनिक जागरण में सोमवार को इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद खाद्य एवं रसद विभाग में खलबली मच गई है।


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