रिमझिम फुहार में बम-बम भोले का जोश
गंगा नदी भले ही उफान पर हो और मौसम में उमस से परेशानी बढ़ा रही है। उसके बावजूद बम-बम भोले के जयघोष वहां गूंज रहे हैं।
जासं, सोरों: (कासगंज): गंगा नदी भले ही उफान पर हो और मौसम में उमस से परेशानी बढ़ रही है लेकिन आस्था के आगे सब नतमस्तक है। बुधवार को जब भोले के स्वर गूंज रहे थे तो दोपहर बाद आसमान से भीनी फुहार चली और झरने की तरह बरसात होने लगी। जिससे श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत मिल गई। इन दिनों गंगा घाटों पर बम-बम भोले के स्वर से आस्था हिलोरे ले रही है।
कासगंज से लहरा तक पीले वस्त्र धारण किए शिवभक्तों की कतार लग रही है। वाहनों से जाते शिवभक्त जल भरने के बाद पैदल यात्रा करते हुए कंधें पर कांवड रख अपने गंतव्य को जा रहे है। हर कोई कांवड को दुल्हन की तरह सजाने का प्रयास कर रहा है। भोले को मनाने के लिए मानों जैसी होड़ सी मच रही हो। घाट पर पतितपावनी उफान ले रही है, लेकिन श्रद्धा भी जोश में है। मौसम में उमस भरी गर्मी परेशान करने लगी, लेकिन दोपहर बाद आसमां भी बरसने लगा और श्रद्धालुओं की राह आसान हो गई। देखने में आ रहा है कि अधिकांश श्रद्धालु रात में यात्रा करना ज्यादा बेहतर समझ रह है। क्योंकि मौसम में भी उमस नहीं होती और वाहन भी कम चलते है। जो भी हो, लेकिन हर रोज शिव भक्तों का कारवां बढ़ता नजर आ रहा है। सिर्फ घाट ही बम भोले के स्वर से नहीं गूंज रहे है, बल्कि रास्ते से भी मधुर धुनें सुनाई दे रही है। घरों में भी धाíमक अनुष्ठान किए जा रहे है। आस्था की नगरी सोरों में समाजसेवियों ने जगह-जगह शिविर लगाए है और श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे है।
रात भर कर रहे गश्त
कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। रात भर गश्त की जा रही है और जगह-जगह पिकेट भी लगाई गई है। मैं स्वयं सोरों व लहरा के बीच निरंतर गश्त कर रहा हूं
-- रिपुदमन ¨सह, कोतवाली प्रभारी