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सिचाई विभाग ने खड़े किए हाथ, गंगाजल आपूर्ति पर संकट

जेड़ाझाल नहर की सिल्ट सफाई में नगर निगम ने जुटाए संसाधन व कर्मचारी दो दिन तक प्रभावित रहेगी जलापूर्ति ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति के इंतजाम

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:07 AM (IST)
सिचाई विभाग ने खड़े किए हाथ, गंगाजल आपूर्ति पर संकट
सिचाई विभाग ने खड़े किए हाथ, गंगाजल आपूर्ति पर संकट

फीरोजाबाद, जासं। जेड़ाझाल नहर की सफाई कराने में पेच फंसना शुरू हो गया है। नहर सफाई पर खर्च होने वाला लाखों का बजट कौन खर्च करेगा, इसको लेकर विभागों में आपसी तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। बजट के अभाव में सिचाई विभाग ने नहर की सफाई कराने से हाथ खड़े कर दिए है। इसके बाद हालात गड़बड़ाने लगे हैं। फिलहाल नगर निगम ने नहर सफाई के लिए काम तेज किया है।

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झालगोपालपुर से नंदपुर तक 25 किमी. लंबी नहर के जरिए शहरवासियों का गंगाजल मिल रहा है। पूरा प्रोजेक्ट सिचाई विभाग, जलनिगम व नगर निगम के सहयोग से संचालित हो रहा है। नहर में सिल्ट जमा होने पर सफाई कराने का जिम्मा भले ही सिचाई विभाग का है, लेकिन सिचाई विभाग ने बजट का रोना रोते हुए सफाई कराने से हाथ खड़े कर दिए। शहर में गंगाजल संकट को देखते हुए नगर निगम ने खुद नहर सफाई की कमान संभाली है। शनिवार को दूसरे दिन भी सुबह से देर शाम तक नहर से सिल्ट सफाई का कार्य चलता रहा। सिचाई विभाग व जलकल विभाग के अधिकारी दिनभर मौके पर डेरा जमाए रहे। जलकल विभाग के एक्सईएन चंदन सिंह का कहना है कि ढाई किमी. लंबी नहर की सफाई पूरी हो चुकी है। रविवार की शाम तक कार्य पूरा होने की संभावना है।

नहर सफाई को गोंडा से मंगानी पड़ी पोकलेन मशीन

नगर निगम प्रशासन को जेड़ाझाल नहर की सफाई के लिए पोकलेन की मशीन की जरूरत थी। जिले में उपलब्ध न होने पर रातोंरात गोंडा से मशीन मंगाई गई है। मशीनों को ट्रक से लाया गया, जिसका भाड़ा बीस हजार लगा। मशीन का किराया दो हजार रुपये प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान करना है। इसके अलावा दो जेसीबी मशीनें किराए पर मंगाई गई हैं। शुक्रवार से लगातार मशीन नहर से सिल्ट निकालने का कार्य कर रही है। नहर सफाई को नगर निगम द्वारा दो जेसीबी मशीन, सिल्ट उठाने को चार वाहनों के साथ 35 कर्मचारी की टीम लगाई है। 15 कर्मचारी सिचाई विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं।

सिचाई विभाग का चार करोड़ हुआ बकाया

जेड़ाझाल नहर के माध्यम से सिचाई विभाग द्वारा हर रोज 25-30 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि 50 क्यूसेक तक पानी देने का प्रावधान है। पिछले 15 माह से पानी उपलब्ध कराने के एवज में चार करोड़ का बकाया हो चुका है। सिचाई विभाग द्वारा छह माह पहले भुगतान के लिए नगर निगम को पत्र भी भेजा था, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हो सका।

बिजली विभाग का भी नहीं दिया जा रहा बिल

पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत नंदपुर में इंटेक प्लांट व सैलई में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन हो रहा है। शहर में दो दर्जन ओवरहेड व सीडब्लूआर भी संचालित हैं। इनके संचालन पर अब तक 2.50 करोड़ से अधिक बिजली का बिल बकाया चल रहा है। विद्युत विभाग द्वारा लगातार बिल भुगतान के लिए नगर निगम को पत्र भेजे जा रहे हैं।

करोड़ों का कौन करेगा भुगतान, अभी तक तय नहीं

पेयजल पुनर्गठन परियोजना के संचालन पर करोड़ों का बकाया हो चुका है, इसका भुगतान किस विभाग द्वारा किया जाएगा, अब तक यह भी तय नहीं हो सका है। ऐसे हालात में पूरे प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। शासन द्वारा जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो शहर में कभी भी गंगाजल का संकट खड़ा हो सकता है।

शाम को तीसरे दिन भी नहीं आया गंगाजल

नहर में सिल्ट जमा होने के कारण शहर में लगातार तीसरे दिन भी शाम को गंगाजल की आपूर्ति नहीं हो सकी। जलकल विभाग के एक्सईएन चंदन सिंह ने शहर वासियों से अपील की है कि बिना वजह पानी की बर्बादी न करें। घर में पानी को बचा रखें, जिससे परेशानी न हो।


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