झिझक छोड़िए, प्लास्टिक से नाता तोड़िए
जागरण की मुहिम के तहत दाऊदयाल कॉलेज में जागरूकता को चित्रकला प्रतियोगिता हुई। इसमें पॉलीथिन के विरोध में छात्राओं ने कागज पर प्रतिभा उकेरी।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जागरण की मुहिम के बाद प्लास्टिक से नाता तोड़ने का संदेश स्कूल-स्कूल गूंज रहा है। बुधवार को दाऊदयाल महिला महाविद्यालय में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में छात्राओं ने मन के भाव उकेरे तो देखने वाले भी प्रेरित हुए बिना नहीं रह सके। बीए एवं एमए की छात्राओं ने एक घंटे में पॉलीथिन से होने वालेनुकसान को कागज पर उकेर दिया। पॉलीथिन से किस तरह जीव जंतुओं और पेड़ों को यह किस तरह यह नुकसान पहुंचाती हैं, का चित्रण काफी सुंदर ढंग से छात्राओं ने किया। वहीं कपड़े के कैरी बैग यूज करने का संदेश भी दिया।
दैनिक जागरण एवं चित्रकला विभाग के तत्वावधान में प्लास्टिक हटाओ-देश बचाओ शीर्षक पर संयोजिका डॉ. विनीता यादव एवं अंजली यादव के निर्देशन में संपन्न प्रतियोगिता में शर्म छोड़िए, प्लास्टिक से नाता तोड़िए शीर्षक से पोस्टर बनाने वाली साक्षी मिश्रा अव्वल रहीं। छीन रहा जीवन हमारा ये प्लास्टिक दानव शीर्षक के साथ पोस्टर बनाने वाली आशी अग्रवाल दूसरे स्थान पर रहीं। कोमल ने जल में प्लास्टिक के नुकसान बताए तो शालिनी ने प्लास्टिक एवं कपड़े के बैग के फायदे बताए। नेहा शर्मा ने पौधों पर इसके प्रभाव को बताया। प्राचार्य डॉ. विनीता गुप्ता ने प्लास्टिक से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। निर्णायक मंडल में डॉ. रजनी बंसल, प्रेमलता एवं निशा अग्रवाल रहे। एनएसएस अधिकारी डॉ. ज्योति अग्रवाल एवं रेनू ¨सह का सहयोग रहा। छात्राओं ने प्रण लिया वह न तो पॉलीथिन प्रयोग करेंगी साथ ही परिजनों एवं परिचितों को भी रोकेंगी। यह रहे विजेता--
साक्षी मिश्रा-प्रथम, आशी अग्रवाल-द्वितीय, छाया-तृतीय, सांत्वना पुरस्कार-शिवानी वर्मा एवं कंचन कुलश्रेष्ठ।
पॉलीथिन नुकसानदेह है। अब हम घर से बैग साथ लेकर आते हैं। पहले बैग होने पर भी पॉलीथिन में दुकानदार सामान दे देते थे। इससे प्रकृति एवं देश का फायदा होगा।नम्रता निश्चल त्रिपाठी, विभव नगर
पॉलीथिन को काफी पहले बंद होना चाहिए था। इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। हम सभी की जिम्मेदारी है इस बंदी का पालन करें।-डॉ. प्रेमलता, आर्य नगर
पॉलीथिन से सिर्फ नुकसान ही नुकसान है। बरसात में नाले चोक होने से जो जलभराव होता है, इसके लिए भी पॉलीथिन ही जिम्मेदार है।-डॉ. विनीता यादव
पॉलीथिन भविष्य के लिए एक बड़े संकट की तरफ इशारा कर रही थी। यह फैसला बहुत सही है। आज समस्याएं थी, लेकिन अगर नहीं रोकी गई तो भविष्य में बड़ा संकट होगा।-डॉ. रजनी बंसल
हम तो पहले से भी पॉलीथिन का कम से कम प्रयोग करने का प्रयास करते थे। पॉलीथिन हर रूप में हानिकारक है। देर से ही सही, लेकिन अच्छा फैसला हुआ है।-निशा अग्रवाल
मेरा तो सिर्फ यही कहना है थैला लेकर आओ-पर्यावरण बचाओ। हम इस पर पूरी तरह से अमल करेंगे तथा परिचितों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। -अंजली यादव
यह कदम काफी पहले उठाया जाना चाहिए था। पॉलीथिन कभी भी खत्म नहीं होती है। जमीन में दबाएं तो सालों बाद वैसी ही बाहर आती है। इससे भूमिगत जल स्तर भी गिर रहा है। ज्योति अग्रवाल