15 फुट के बोरवेल में दो घंटे फंसा रहा मासूम, सुरक्षित निकाला
मटसेना क्षेत्र के खेड़ा सिकहरा में बहन जूली के साथ खेत पर जा रहे दो वर्षीय सैंकी खेलते समय 15 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरा। चीख पर परिजन आए और फिर जेसीबी बुला ली गई। प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने सुरंग बनाकर दो घंटे बाद उसे सुरक्षित निकाल लिया।
जासं, फीरोजाबाद: मटसेना क्षेत्र में करीब 15 फुट गहरे बोरवेल में दो वर्ष का मासूम गिर गया। ग्रामीणों ने आनन-फानन जेसीबी से खोदाई कराई, सुरंग बनाकर करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बालक को सुरक्षित निकाल लिया गया।
खेड़ा सिकहरा निवासी कुलदीप बुधवार सुबह अपनी पत्नी के साथ खेत पर बाजरा काट रहे थे। आठ वर्षीय बेटी जूली अपने दो वर्षीय भाई सैंकी के साथ करीब साढ़े आठ बजे खाना देने खेत पर जा रही थी। गांव के बाहर रामबहादुर के खेत में ही एक पुरानी बो¨रग थी। ये बो¨रग फेल हो गई थी। जूली का ध्यान हटा तो सैंकी खेल-खेल में इस गड्ढे के निकट पहुंच गया और गिर गया। जूली ने सैंकी को गिरते हुए देखा तो चीखते हुए खेत में काम कर रहे पिता को जानकारी दी। माता-पिता भी बिलखते हुए आ गए। आसपास खेतों से ग्रामीण आ गए।
ग्रामीणो ने सूझबूझ दिखाते हुए जेसीबी मशीन मंगाकर खोदाई शुरू करा दी। खबर मिलने पर सीओ सदर अभिषेक राहुल भी पहुंच गए। जिला अस्पताल से डॉ. राहुल जैन के निर्देशन में डॉक्टरों की टीम भी ऑक्सीजन लेकर पहुंच गई। बोरवेल से बच्चे के रोने की आवाज सुन राहत कार्य में जुटे लोगों का हौसला बढ़ता गया। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया गया।
पांच फुट दूर खुदाई, फिर बनाई सुरंग :
जेसीबी मंगाने के बाद ग्रामीणों को डर था कि कहीं खुदाई में मिट्टी गड्ढे में गिर गई तो बच्चे तक पहुंचने वाली हवा रुक जाएगी। ऐसे में इस गड्ढे से छह-सात फीट दूर समानांतर दूसरा गड्ढा खोदा गया। 15 फीसद के बाद में फावड़े एवं जेसीबी की मदद से ग्रामीणों ने बो¨रग के गड्ढे तक सुरंग बनाई। इसके बाद बच्चे को सुरक्षित निकाला।
शीशे से अंदर रोशनी कर देखा बच्चा :बच्चे के पुरानी बो¨रग में गिरने की खबर पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। करीब 15 फुट गहरे गड्ढे में रोशनी नहीं थी, ऐसे में यहां पर ग्रामीणों ने शीशा मंगाकर सूरज के सामने रख जब अंदर रोशनी फेंकी तो बच्चा नजर आया। इस दौरान बच्चे के रोने की आवाज आने से ग्रामीणों का हौसला बढ़ गया। पूर्व प्रधान ओमदत्त ने ग्रामीणों की मदद से जेसीबी की व्यवस्था की।
बरसात में फिर से हो गया गड्ढा :
बो¨रग के लिए नौ इंच की त्रिज्या का यह गड्ढा पानी न मिलने पर बंद करा दिया था, लेकिन बरसात में मिट्टी धसने से यह फिर से खुल गया। इसकी ग्रामीणों को जानकारी नहीं थी। बहन के साथ जाते वक्त बच्चा खेलते-खेलते रास्ते से थोड़ा साइड में हो गया और इसमें गिर गया।
परिजन करते रहे प्रार्थना : सैंकी के गिरने की जानकारी के बाद परिजनों का हाल बेहाल था। ग्रामीण जहां बच्चे को निकालने के प्रयासों में जुटे थे तो महिलाएं एवं परिजन बच्चे की सलामती के लिए भगवान से दुआ कर रहे थे।