पति तो गुजर गए, हाथ नहीं आई सरकारी मदद
पति तो गुजर गए हाथ नहीं आई सरकारी मदद
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शिकोहाबाद ब्लॉक में गांव चितावली में रहने वाली सुनीता के पति बलवीर सिंह का बीमारी के चलते दो साल पहले निधन हो गया। पति की मृत्यु के बाद सरकारी मदद पाने को श्रम विभाग में आवेदन किया। पंजीकृत मजदूरों के लिए सरकार द्वारा अंत्येष्टि सहायता योजना चलाई जा रही है। वह अनुदान राशि पाने को डेढ़ साल से विभाग के चक्कर काट रही हैं, लेकिन उनको अब तक सरकारी मदद नहीं मिल सकी।
वहीं टूंडला ब्लॉक के शिव नगर में रहने वाली मिथलेश देवी के पति राजेश कुमार का एक साल पहले निधन हो गया था। वह बताती है कि सरकारी मदद पाने को श्रम विभाग में आवेदन किए आठ माह गुजर गए हैं। महिलाओं का कहना है कि वे चक्कर लगाकर थक गई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। लॉकडाउन होने के कारण निर्माण कार्य से जुड़े हजारों मजदूरों के हाथ से रोजगार भी छिन गया है। संकट की घड़ी में कोई सरकारी मदद तक नहीं मिल रही है। तमाम मजदूरों के पास राशन तक नहीं है, जिससे सरकारी खाद्यान्न भी नसीब नहीं हो रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में अंत्येष्टि सहायता योजना में मात्र 43 मजदूरों को ही योजना का लाभ मिल सका। ये है योजना
अंत्येष्टि सहायता योजना के अंतर्गत बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि और अंतिम संस्कार के लिए 25 हजार की सहायता आश्रितों को देने का प्रावधान है। -अंत्येष्टि सहायता योजना में किए आवेदनों की विभाग द्वारा ऑनलाइन ही जांच कराई जाती है। यदि किसी श्रमिक को अब तक योजना का अनुदान नहीं मिला है तो वह कार्यालय में आकर शिकायत कर सकते हैं। इसके साथ सीएम हेल्पलाइन, आइजीआरएस पर भी ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं।
-अरुण कुमार सिंह, सहायक श्रमायुक्त