प्रवासियों के चेहरे पर दिखी घर वापसी की राहत
-टूंडला पर उतारे गए 77 महिला पुरुष व बचे -स्क्रीनिग बाद संबंधित जिलों को बसों से भेजे गए
संवाद सहयोगी, टूंडला: राजस्थान में दो महीने से फंसे प्रवासियों के चेहरे पर राहत के भाव थे। बुधवार की सुबह का सूरज उनके लिए नई उम्मीदें लेकर आया था। रेलवे स्टेशन पर उनकी अगवानी के लिए रेलवे के साथ ही पूरा प्रशासनिक अमला खड़ा था। ट्रेन से उतरते ही चाय नाश्ता कराया गया। कुछ अपनी जन्मभूमि पर आकर खुश थे तो कुछ को अपने घर कुछ ही घंटों में पहुंचने का इतमीनान था।
श्री गंगानगर से प्रवासियों को लेकर मंगलवार रात को चली स्पेशल ट्रेन को सुबह छह बजे जंक्शन पर आना था। इसके देखते हुए तहसीलदार डॉ. गजेंद्र पाल सिंह लेखपालों की टीम के साथ पांच बजे ही पहुंच गए थे। आरपीएफ और जीआरपी भी मुस्तैद थी। प्लेटफार्म नंबर को पांच को सेनेटाइज करा दिया गया था। छह बजने से पहले ही एसडीएम एकता सिंह, डीटीएम समर्थ गुप्ता और सीओ अजय चौहान भी आ गए। ट्रेन सवा घंटे की देरी से जैसे ही प्लेटफार्म पर पहुंची गहमा गहमी बढ़ गई। ट्रेन के तीन कोच से कुल 77 महिला, पुरुष और बच्चे उतरे।
उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने कतार बद्ध तरीके से खड़ा किया। थर्मल स्क्रीनिग के बाद उन्हें जिलेवार बने काउंटर पर भेज दिया गया। यहां चाय और बिस्कुट देने के साथ ही उनका ब्यौरा लिखा गया। इसके बाद पहले से तैयार बसों में बिठाकर उनके घरों को रवाना कर दिया गया। इसके बाद ही अधिकारी वहां से गए। पूरे परिसर को फिर सेनेटाइज किया गया।
-----
-इतने आए प्रवासी:
ट्रेन से फीरोजाबाद के 31, मथुरा के 19, आगरा के 49, मैनपुरी के 69 और एटा के आठ प्रवासी यहां उतरे। इन्हें दस बसों सेरवाना किया गया। इंस्पेक्टर आरपीएफ अमित यादव, इंस्पेक्टर ज्ञानेन्द्र कुमार, इंस्पेक्टर जीआरपी एसके पौनियां, लेखपाल योगेन्द्र उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
-----
-खुशी से खिल उठे चेहरे:
ट्रेन से उतरे दो बच्चे भूख से परेशान हो रहे थे। एसडीएम ने बच्चों को बिस्कुट के पैकेट दिए तो उनके चेहरे खिल उठे। प्रवासियों ने भी अधिकारियों को धन्यवाद दिया।