रामलीला में डांस पार्टी पर हाईकोर्ट की रोक
राम और रामलीला से जुड़ी आस्था की जीत हुई। हाईकोर्ट ने रामलीला में डांस पार्टी के आयोजन पर रोक लगाई है। यह जानकारी शिवसेना के जिला प्रमुख राजीव ने दी। आदेश की प्रति भी दिखाई है, जिसमें पूर्व में सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को सही माना गया है।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: राम और रामलीला से जुड़ी आस्था की जीत हुई। हाईकोर्ट ने रामलीला मेला में डांस पार्टी बुलाने पर रोक लगा दी है। एक साल चली सुनवाई में कोर्ट ने सिटी मजिस्ट्रेट के उस आदेश को सही माना है, जिसमें उन्होंने धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थल पर फूहड़ व अश्लील आयोजन पर रोक की बात कही थी। शिवसेना लंबे समय से इसका विरोध करती चली आ रही थी।
शहर में हर साल जैसे ही रामलीला शुरू होती है, उसमें आने वाली डांस पार्टी का विरोध भी शुरू हो जाता है। विरोध की कमान शिवसेना जिला प्रमुख राजीव शर्मा ने संभाल रखी है। वह पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से डांस पार्टी न लगने देने की मांग करते थे। इसके बाद भी रामलीला कमेटी लोक कला नृत्य और नौटंकी के नाम पर अश्लील डांस कराने में सफल रहती थी। सितंबर 2017 में राजीव शर्मा ने सुबूतों के साथ शिकायत की तो तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट शीतला प्रसाद यादव ने डांस पार्टी पर रोक लगा दी।
उनके इस फैसले के खिलाफ कमेटी हाईकोर्ट गई थी। इस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई की। अधिवक्ता विवेक शर्मा एवं शिवसेना जिला प्रमुख ने रविवार को प्रेस वार्ता कर छह सितंबर को दिए डबल बेंच के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और बच्चू लाल ने सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को सही माना है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि रामलीला कमेटी अपने संविधान के अनुसार रामलीला और राम से जुड़ी प्रदर्शनी का आयोजन करे। ऐसे कार्य करे, जिससे नारी सम्मान और गौरव बढ़े। वार्ता के समय जनपद न्यायालय के अधिवक्ता रीतेश कुमार शर्मा, संजीव कुमार कुलश्रेष्ठ, केपी ¨सह, महेश चंद्र निषाद, सतीश कुमार एवं अमित दीक्षित भी मौजूद रहे।