एनजीटी में सुनवाई पर टिकी उद्यमियों की नजरें
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : कांच उद्योग में गैस क्षमता विस्तारीकरण मामले में सोमवार को नेशनल ग्रीन
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : कांच उद्योग में गैस क्षमता विस्तारीकरण मामले में सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई है। इस पर समूचे उद्योग जगत की निगाहें टिकी हैं। क्षमता विस्तारीकरण पर लगी जिस रोक को हटाने के लिए समूचा उद्योग जगत पिछले करीब दो वर्ष से टीटीजेड अथॉरिटी एवं मंत्रालय के चक्कर काट रहा है, उसी क्षमता विस्तारीकरण पर एनजीटी को अपना फैसला सुनाना है। अगर यह फैसला उद्योग के पक्ष में आता है तो उद्यमियों के लिए क्षमता विस्तारीकरण की पैरवी आसान हो सकती है। ऐसे में समूचे कांच उद्योग की नजर इस फैसले पर टिकी हैं।
एनजीटी में फीरोजाबाद की कांच इकाइयों में गैस क्षमता विस्तारीकरण का मामला एक वर्ष से भी अधिक समय से चल रहा है। उक्त मामले में एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय के साथ में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ टीटीजेड अथॉरिटी सहित कई विभागों से जवाब मांगा था। तत्कालीन सरकार को भी जवाब दाखिल करना पड़ा था। एनजीटी के समक्ष नीरी की रिपोर्ट के साथ में उद्योग विभाग ने विस्तारीकरण को सही ठहराते हुए कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। माना जा रहा है कि सुनवाई भी अब अंतिम चरण में है, हालांकि पिछली तारीखों में कुछ महकमों के अधिवक्ताओं के बदलने के कारण एनजीटी को तारीख भी आगे बढ़ानी पड़ी। ऐसे में 19 को होने वाली सुनवाई पर सभी की नजर जमी हुई हैं। उद्यमियों की माने तो फीरोजाबाद में 19 इकाइयों में 40 करोड़ का निवेश हो चुका है, लेकिन टीटीजेड अथॉरिटी की रोक के कारण यह इकाइयां बंद पड़ी हैं। ऐसे में एनजीटी के फैसले को लेकर उद्योग विभाग को उम्मीद भी है। इस फैसले के आधार पर कांच उद्योग को संजीवनी भी मिल सकती है, लेकिन अगर इस मामले में एनजीटी का रुख इतर होता है तो उद्योग विभाग की मुश्किलों में और भी इजाफा होगा। उद्योग विभाग से इस बार एनजीटी में सुनवाई के दौरान उपस्थित होने के लिए सहायक आयुक्त अंबरीश कुमार पांडे को विभाग ने अधिकृत किया है।