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सरकार, चूड़ी की खनक को सस्ती गैस की है दरकार

चूड़ी उद्योग को सस्ती गैस उपलब्ध कराने रा मैटेरियल पर जीएसटी स्लैब घटाने नई तकनीकी उपलब्ध कराने व टीटीजेड में नए उद्योग लगाने की अनुमति देने की मांग को लेकर चूड़ी उद्योग एक बार फिर केंद्र सरकार के बजट से उम्मीदें संजोए बैठा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 06:02 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:02 AM (IST)
सरकार, चूड़ी की खनक को सस्ती गैस की है दरकार
सरकार, चूड़ी की खनक को सस्ती गैस की है दरकार

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: चूड़ी उद्योग को सस्ती गैस उपलब्ध कराने, रा मैटेरियल पर जीएसटी स्लैब घटाने, नई तकनीकी उपलब्ध कराने व टीटीजेड में नए उद्योग लगाने की अनुमति देने की मांग को लेकर चूड़ी उद्योग एक बार फिर केंद्र सरकार के बजट से उम्मीदें संजोए बैठा है। कोरोना काल में चूड़ी उद्योग सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जिससे उद्यमियों को करोड़ों की चपत लगी।

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सुहागनगरी के कारखानों में बनने वाली कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियां देश भर में विख्यात है। 100 साल अधिक पुराने परंपरागत चूड़ी उद्योग को सालों से सरकार की मदद की दरकार है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 1996 में चूड़ी उद्योग को सस्ती दर पर एपीएम गैस उपलब्ध कराई गई। वर्ष 2012 में गेल गैस लि. ने पालिसी में बदलाव करते हुए (एपीएम व आरएलएनजी को मिलाकर) यूपीएम गैस दी गई। यूपीएम होने के बाद गैस की कीमत बढ़कर सात से बढ़कर 18.50 रुपए तक पहुंच गई हैं। उद्यमियों का कहना है कि महंगी गैस का सबसे अधिक भार लघु इकाइयों पर पड़ रहा है। कोरोना काल में तमाम समस्याओं से जूझते उद्यमियों को सरकार के बजट से काफी उम्मीद हैं। एक नजर..

100 से ज्यादा शहर में चूड़ी कारखाने

500 करोड़ से ज्यादा का होता है सालाना कारोबार

01 लाख से ज्यादा मजदूर चूड़ी कारखानों में करते हैं काम

04 लाख लोग शहर में चूड़ी कारोबार से जुड़े हैं। - फीरोजाबाद का चूड़ी उद्योग एक कुटीर उद्योग है, जिससे हजारों मजदूरों को रोजगार मिलता है। नेचुरल गैस महंगी होने के कारण चूड़ी उत्पादन लागत बढ़ गई है। सरकार से अपेक्षा है कि बजट में नेचुरल गैस सस्ती करने का प्रावधान किया जाए, जिससे चूड़ी उद्योग को बढ़ावा मिल सके।

- ललितेश जैन, अध्यक्ष दि ग्लास इंडस्ट्रियल सिडीकेट - गेल गैस लि. द्वारा चूड़ी उद्योग को सस्ती दर पर मिली नेचुरल गैस आटोमैटिक प्लांट व माउथ ब्लोइंग यूनिट को दी जा रही है। उत्पादन लागत बढ़ने से चूड़ी की डिमांड लगातार कम रही है। सरकार को बजट में चूड़ी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रावधान किए जाएं।

- पीके झिदल, चूड़ी उद्यमी - चूड़ी उद्योग में प्रयोग होने वाले रा मेटेरियल पर 18 फीसद जीएसटी लग रहा है। सरकार से अपेक्षा कि रा मेटेरियल पर जीएसटी दर घटाई जाए। जीएसटी दर घटने से अन्य उद्योगों को भी लाभ मिलेगा। चूड़ी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नई तकनीकी उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जाए।

- हेमंत अग्रवाल च्वाइस , सचिव लघु उद्योग भारती - टीटीजेड में पांच साल से नए उद्योग लगाने पर रोक लगी है, जिससे चूड़ी उद्योग का विकास पूरी तरह थम गया है। चूड़ी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि टीटीजेड में नए उद्योगों की स्थापना व क्षमता विस्तार लगी रोक हटाने को सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जाएं।

- लोकेश अग्रवाल, चूड़ी उद्यमी


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