सीईसी रिपोर्ट पर टिका कांच नगरी का भविष्य
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पिछले दिनों आगरा में पर्यावरण सचिव के साथ बैठक के बाद में बंदिशें खुलने
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पिछले दिनों आगरा में पर्यावरण सचिव के साथ बैठक के बाद में बंदिशें खुलने की राह देखने वाले फीरोजाबाद के कांच उद्योग के समक्ष अभी कई समस्याएं हैं। जिस नीरी की रिपोर्ट के आधार पर कांच नगरी नई इकाइयों तथा गैस क्षमता विस्तारीकरण में छूट की मांग कर रही है, उसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स आगरा ने फीरोजाबाद को टीटीजेड से बाहर करने की मांग की है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मार्च में हुई सुनवाई में कोर्ट ने सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में उद्योग की नजर एक मई को होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।
कांच उत्पादन को लेकर फीरोजाबाद कई सालों से सुर्खियों में है। टीटीजेड अथॉरिटी ने जनवरी 2015 में समूचे टीटीजेड में नई इकाइयों के साथ गैस क्षमता विस्तारीकरण पर रोक लगा दी थी। इस रोक को हटाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) से फीरोजाबाद के प्रदूषण की जांच कराई गई। नीरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फीरोजाबाद के प्रदूषण से ताज को कोई खतरा नहीं है। हवाओं के रुख का अध्ययन करने के बाद नीरी ने यहां तक कहा था कि कांच नगरी की हवाओं का रुख साल में नौ माह आगरा के विपरीत दिशा में रहता है।
इसी रिपोर्ट को लेकर नेशनल चैंबर ने कहा है कि टीटीजेड क्षेत्र की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया जाए। उक्त संबध में मार्च में हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीईसी से एक सप्ताह में इस पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट का आदेश आने के बाद में उद्योग जगत में बेचैनी फैली हुई है। पर्यावरण सचिव की बैठक के बाद गैस क्षमता बढ़वाने के लिए टीटीजेड में पैरवी करने की तैयारी कर रहे उद्यमियों की ¨चताएं बढ़ गई हैं। उद्यमियों को लग रहा है कहीं इस सुनवाई के कारण गैस क्षमता विस्तारीकरण का मामला आगे न टल जाए। 'सुप्रीम कोर्ट में नेशनल चैंबर ने प्रार्थना पत्र दिया है। अगर टीटीजेड से फीरोजाबाद अलग होता है, तो गैस का मूल्य भी बढ़ जाएगा। ऐसे में यहां के लघु उद्योग प्रभावित होंगे। इससे कांच उद्योग प्रभावित होगा।'
-हेमंत अग्रवाल मैन्यूफैक्चर
उद्योगपति
फोटो नंबर 20
'इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा है तो फीरोजाबाद के कांच उद्योग के लिए ¨चता का विषय है। अगर टीटीजेड से फीरोजाबाद अलग किया जाता है, तो कांच उद्योग के समक्ष नई दिक्कतें खड़ी होंगी।'
-हेमंत अग्रवाल बल्लू
युवा उद्योगपति
फोटो नंबर 21