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बालिका ने भी तोड़ दिया दम, कुल चार मौतें

फीरोजाबाद: शनिवार को आई आंधी रामगढ़ थाना क्षेत्र तीन परिवारों पर कहर बनकर टूट पड़ी। चार चिताएं सजी और बिखलते परिजनों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। जहां से अर्थियां निकलीं वहां लोग बस यही कहते नजर आए कि हे भगवान जे का है गओ? अब इनके परिवार को का होगो। तीनों परिवारों केयहां पूरे दिन शोक जताने वालों का तांता लगा रहा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 11:36 PM (IST)
बालिका ने भी तोड़ दिया दम, कुल चार मौतें
बालिका ने भी तोड़ दिया दम, कुल चार मौतें

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शनिवार को आई आंधी रामगढ़ थाना क्षेत्र तीन परिवारों पर कहर बनकर टूट पड़ी। चार चिताएं सजी और बिखलते परिजनों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। जहां से अर्थियां निकलीं वहां लोग बस यही कहते नजर आए कि हे भगवान जे का है गओ? अब इनके परिवार को का होगो। तीनों परिवारों केयहां पूरे दिन शोक जताने वालों का तांता लगा रहा। बताया जा रहा है कि सरकारी मदद सोमवार को पहुंचेगी। शनिवार की शाम लगभग पौने पांच बजे चनौरा स्थित सौदान ¨सह के घर के लेंटर में टापा खुर्द निवासी विनोद कुमार (36) और महावीर (45) बिजली के पाइप डाल रहे थे। उसी दौरान तेज आंधी के साथ जाल सहित दोनों बिजली कारीगरों के साथ सौदान की पत्नी सोनकली बेटी नंदनी के साथ नीचे आ गिरे। जिसमें विनोद, महावीर और सोनकली की मौत हो गई। रात में ही पोस्टमार्टम होने के बाद शव घर पहुंचे। शवों को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। रविवार सुबह करीब

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नौ बजे तक सैकड़ों की संख्या में लोग मृतकों के घर पहुंच गए। परिजनों की चीत्कारों से हर किसी की आंखें नम हो गई। बिजली कारीगरों का सुबह लगभग नौ बजे दाह संस्कार कर दिया।

मां के बाद बेटी का पहुंचा शव, तो हर आंख हुई नम:

कुतुकपुर चनौरा में मकान बनवा रहे सौदान ¨सह मूलरुप से फरिहा के नगला नोजल के रहने वाले हैं। रात में पत्नी सोनकली का शव लेकर गांव पहुंच गए। इधर, बेटी का इलाज ट्रॉमा में चल रहा था। रविवार सुबह अंतिम संस्कार की तैयारियां चली रहीं थी कि तभी बेटी की मौत की खबर पहुंच गई। सौदान ¨सह के भतीजे को शव लेने के लिए भेज दिया गया। मां का अंतिम संस्कार होने के बाद दोपहर लगभग तीन बजे बेटी का शव पहुंचा और फिर अंतिम संस्कार किया गया।

काम किया साथ और दुनिया भी छोड़ी साथ: टापा खुर्द में रहने वाले विनोद और महावीर कई साल से एक साथ बिजली का काम कर रहे थे। जिसे भी काम मिलता वह दूसरे को साथ कर लेता। काम के अलावा मौज मस्ती में भी दोनों साथ रहते थे। शनिवार को भी यही हुआ दोनों साथ-साथ काम

कर रहे थे और जब आंधी आई तो दोनों जाल के साथ उड़ और साथ ही दम तोड़ा।

शव को देख बच्चों की पथराई आंखें: विनोद के तीन पुत्र हैं, जिनमें अंशू (8), प्रांशू (5) और रितिक 3 वर्ष का है। जब शव घर पहुंचा तो प्रांशू और रितिक टकटकी लगाकर शव को देखते रहे। मां के साथ अन्य परिजनों को रोता बिलखता देख वह भी शव से लिपटकर रोने लगे।

बेटियों की शादी करने का सपना रह गया अधूरा: महावीर अपने पीछे पत्नी सहित दो बेटे और दो बेटी छोड़ गए हैं। जिनमें प्रदीप (27), दीपक (24), स्नेहलता (22) और 20 वर्षीय करिश्मा है। प्रदीप बिजली करंट लगने के कारण दिव्यांग है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अक्सर महावीर अपनी दोनों बेटियों की शादी धूमधाम से करने की बात कहता थे, लेकिन शनिवार को आई तेज आंधी ने उसका सपना पूरा नहीं होने दिया।

आज पहुंचेगी सरकारी मदद:

एडीएमसिटी अतुल कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजनों को राहत राशि सोमवार को उपलब्ध करा दी जाएगी। रविवार होने के चलते एकाउंट में पैसा ट्रांसफर नहीं हो सका है। राहत राशि के रूप में मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे।


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