14 गांवों में फसलें बर्बाद, शासन को भेजी रिपोर्ट
2686 किसानों को मुआवजा देने को मांगे 92 लाख रुपये आठ जनवरी की शाम हुई थी जिले भर में हुई थी ओलावृष्टि और बारिश।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: आठ जनवरी की शाम आसमान से ओलों और बारिश के रूप में गिरी आफत से सदर तहसील क्षेत्र में हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई। प्रारंभिक सर्वे में 14 गांवों के ढाई हजार से ज्यादा किसानों की आलू, मिर्च, सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। इन्हें मुआवजा देने के लिए 92 लाख रुपये की डिमांड शासन से की गई है।
पांच जनवरी से मौसम का मिजाज बिगड़ गया था। सात जनवरी तक रुक रुक कर फुहारें पड़ीं, लेकिन आठ जनवरी की देर शाम पांच से दस मिनट तक जोरदार ओलावृष्टि हुई। शहर में सड़कें ओलों से पट गईं तो ग्रामीण इलाकों में ओले खेतों में बिछ गए। इससे सरसों का फूल झड़ गया। मिर्च के पौधे और मिर्च टूट कर गिर गई। बाद में बारिश भी हुई। खेतों में ओले और बारिश का पानी भरने से आलू और गेहूं की फसल को भी नुकसान हुआ। कुदरत का कहर नारखी क्षेत्र में सबसे ज्यादा टूटा। इससे आहत किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर नौ जनवरी को असन चौराहे पर जाम लगाया था।
दस जनवरी को भी ब्लाक कार्यालय में ताला लगाकर प्रदर्शन किया। इधर प्रशासन की टीमें गांव गांव जाकर सर्वे कर रही हैं। प्रारंभिक सर्वे में सदर तहसील के 14 गांवों में सर्वाधिक नुकसान का आंकलन किया गया है। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को शासन को भेज दी गई। इसमें 2686 किसानों की फसल को 33 फीसद से ज्यादा नुकसान की बात सामने आई हैं। इन्हें मुआवजा देने के लिए 92 लाख रुपये की डिमांड की गई है। एडीएम अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि अभी विस्तृत सर्वे चल रहा है। शासन से धनराशि मिलने पर मुआवजा वितरित किया जाएगा।
---
अन्य तहसील क्षेत्रों में नहीं हुआ नुकसान
प्रशासन के अनुसार ओलावृष्टि और बारिश से अन्य किसी तहसील क्षेत्र में फसलों को 33 फीसद या इससे अधिक नुकसान नहीं हुआ है। शिकोहाबाद, सिरसागंज और टूंडला तहसील ने नुकसान न होने की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजी है। वहीं जसराना तहसील ने पांच से दस फीसद नुकसान होने की रिपोर्ट दी है।
------
30 से अधिक गांवों में हुआ नुकसान
वार्ड नंबर 14 की जिला पंचायत सदस्य कुमारी प्रवेश ने डीएम से निष्पक्ष सर्वे कराने की मांग की है। उनका कहना है कि नारखी क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है।