बारिश में सरकार पर बरसे सपाई, जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन
पूर्व सांसद की अगुवाई में दिखाया जोश कार्यालय से निकाला जुलूस महंगाई कृषि कानून और कानून व्यवस्था को बनाया मुद्दा ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: महंगाई, कृषि कानूनों और प्रदेश की कानून व्यवस्था के विरोध में रिमझिम बारिश के बीच जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। दोपहर 12 बजे पार्टी कार्यालय से पूर्व सांसद अक्षय यादव की अगुवाई में पहुंचे सपाइयों की अंदर जाने को पुलिस से तकरार हुई। एडीएम को ज्ञापन सौंप धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया।
सपा ने सुबह दस बजे से धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन रात से हो रही बारिश के कारण धरना स्थल पर पानी भर गया। स्थान परिवर्तन को लेकर अधिकारियों और सपा नेताओं के बीच चर्चा हुई, लेकिन बात नहीं बनी। दोपहर एक बजे सपाई जुलूस के रूप में सर्विसलेन से होते हुए मुख्यालय के गेट से प्रवेश कर गए। डीएम कार्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने सपाइयों को रोका, इसको लेकर धक्का-मुक्की करते हुए सैकड़ों कार्यकर्ता अंदर पहुंच गए। इसके बाद पूर्व सांसद व नेताओं ने उन्हें वापस बुलाया। सपाइयों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल है। बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी। रसोई गैस, बिजली, पेट्रोल, डीजल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं फेल हो गई हैं। कृषि कानून, फीस वृद्धि वापस लेने और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई। इसके बाद एडीएम अभिषेक कुमार सिंह को 15 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र चंचल, एमएलसी डा. दिलीप यादव, एमएलसी डा. असीम यादव, पूर्व विधायक अजीम भाई, इं. सचिन यादव, ओम प्रकाश वर्मा, डा. विजय आर्या, कमलेश यादव, राजकुमार राठौर, महाराज सिंह धनगर, सुमनदेवी, सविता, हनीफ खाकसार, मोहित शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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लौटते में हाईवे पर लगा जाम, लहराएं सिलेंडर के कटआउट
मुख्यालय पर प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं की भीड़ के कारण हाईवे पर जाम लग गया। इस दौरान कार्यकर्ता गैस सिलेंडर के कटआउट लहराते रहे। सीओ सदर हीरा लाल कन्नौजिया ने फोर्स के साथ जाम खुलवाया। छावनी बना रहा मुख्यालय
सपा के प्रदर्शन को लेकर जिला मुख्यालय छावनी बना रहा। एसपी सिटी मुकेश चंद्र मिश्रा, सीओ सदर और कई थानों का फोर्स, मजिस्ट्रेट और फायर ब्रिगेड की गाड़ी तैनात रही। 21 से हर तहसील में होगा प्रदर्शन
जिला मुख्यालय के बाद अब तहसीलों पर प्रदर्शन का एलान किया गया। 21 को टूंडला और 23 को शहर में पदयात्रा के साथ प्रदर्शन होगा। यह कार्यक्रम 30 अक्टूबर तक चलेंगे।