आसमान पर तेल और रिफाइंड, भाव खा रहा सेव और संतरा
गरीब और बेरोजगार के लिए तड़का लगाना भी हुआ मुश्किल धनिया पोदीना प्याज टमाटर की चटनी से मिटा रहे भूख।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोरोना काल में लाकडाउन के दूसरे दौर में सरकार ने उद्योग चालू रखने की अनुमति दे रखी है। इसके बाद भी सरसों के तेल और रिफाइंड जैसी जरूरी चीजों का भाव लगातार बढ़ता जा रहा। जिससे लाकडाउन में बेरोजगार हुए गरीबों के लिए दाल और सब्जी में तड़का लगाना भी मुश्किल हो गया है। वे चटनी से रोटी खाकर पेट भर रहे हैं। वहीं सेव और संतरा आम आदमी पहुंच से बाहर हो गया है।
सरसों की कटाई अप्रैल के पहले पखवाड़े में हो चुकी है। अमूमन अप्रैल के बाद सरसों के तेल और रिफाइंड की कीमत में कमी आने लगती थी, लेकिन इस बार उल्टा हो रहा है। अप्रैल की शुरूआत में सरसों का जो तेल 135 रुपये लीटर बिक रहा था, वह अब 160-165 रुपये मिल रहा है। यही हाल रिफाइंड का है। इस कारण गरीब, मजदूर और लाकडाउन के कारण बेरोजगारी झेल रहे लोगों के लिए तड़का लगाना भी मुश्किल हो गया है। इस महंगाई का दुकानदार भी कोई कारण नहीं बता पा रहे हैं।
- तीन गुना तक पहुंचा सेव और संतरा
कोरोना से बचने के लिए डाक्टर भी सेव, संतरा, नींबू और कीवी जैसे फल खाने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन ये चीजें बाजार में गायब सी हो गई है। सेव की कीमत हर रोज बढ़ रही है। एक महीने पहले सेव 120 रुपये प्रति किलो था, जो 15 दिन पहले 210 रुपये किलो पहुंच गया। अब सेव की कीमत 300 से 320 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं कोरोना काल में सबसे लाभकारी बताया जा रहा संतरा अब दोगुने भाव में 100 से 120 रुपये किलो हैं।
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धनिया, मिर्च, टमाटर दे रहा राहत
- महंगाई के दौर में लोगों को धनिया, पोदीना, हरी मिर्च और टमाटर से थोड़ी राहत मिल रही है। बाजार में टमाटर 10 रुपये किलो और धनिया, पोदीना व हरी मिर्च 20 से 30 रुपये किलो के भाव से मिल रही हैं। लोग इनकी चटनी से गुजर कर रहे हैं।
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खाने पीने की कुछ चीजों की रेट बढ़ने की बात जानकारी में आई है। इस संबंध में हम दूसरे जिले की मंडियों से भी कीमतें पता कर रहे हैं। यदि यहां कीमतों में अंतर पाया जाएगा तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
-डा. सुधीर कुमार सिंह, जिला अभिहित अधिकारी