आधार कार्ड बनवाने में याद आ रहा नोटबंदी का दौर
शिकोहाबाद(फीरोजाबाद) जेएनएन। आप ये जो लाइनें देख रहे हैं ये किसी मतदान केंद्र या राशन की दुकान की नहीं हैं बल्कि बैंक के बाहर खड़े उन मजबूर लोगों की है जिनके पास या तो आधार कार्ड नहीं है या उसमें कोई गलती है। ये किसी एक दिन की बात नहीं बल्कि रोज का नजारा है। यहां सुबह पांच बजे से महिला पुरुष बच्चे और बुजुर्ग लाइन में लगना शुरू हो जाते हैं। लोगों को नोट बंदी का दौर याद आ रहा है।
शिकोहाबाद,(फीरोजाबाद) जेएनएन। आप ये जो लाइनें देख रहे हैं ये किसी मतदान केंद्र या राशन की दुकान की नहीं हैं, बल्कि बैंक के बाहर खड़े उन मजबूर लोगों की है जिनके पास या तो आधार कार्ड नहीं है या उसमें कोई गलती है। ये किसी एक दिन की बात नहीं, बल्कि रोज का नजारा है। यहां सुबह पांच बजे से महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग लाइन में लगना शुरू हो जाते हैं। लोगों को नोट बंदी का दौर याद आ रहा है।
शिकोहाबाद के पक्का तालाब स्थित बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा हो या फीरोजाबाद के सुहाग नगर में संचालित मुख्य डाकघर यहां दर्जनों लोग प्रतिदिन लाइन में खड़े नजर आते हैं। मई, जून की चिलचिलात धूप में भी भूख, प्यास की चिता किए बिना लोग आधार कार्ड की लाइन में खड़े रहे। सुबह दस बजे बैंक, डाकघर खुलने के बाद इन्हें अंदर प्रवेश मिलता है। दरवाजे खुलते ही जो आपाधापी मचती है उसमें कई बार बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग चोटिल भी हो जाते हैं। इसके बाद भी वह पूरे दिन अपना नंबर आने के इंतजार में खड़े रहते हैं।
संशोधन कराने के लिए भी कई लोग एक महीने से चक्कर काटते नजर आए। शिकोहाबाद में अधिकांश बैंकों ने आधार कार्ड बनाना बंद कर दिए हैं। जो बैंक बना रही हैं, उनमें लोगों की लंबी लाइन लग रही है। जब तक बैंक खुलने का समय होता है तब तक भीड़ बेकाबू हो जाती है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मी तैनात करने पड़ रहे हैं। इससे बैंक के उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि आधार कार्ड सभी बैंकों में बनना शुरू हो जाएं तो राहत मिल सकती है।