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कोरोना ने छीने माता-पिता, दादा-दादी बने सहारा

जिले के 57 बच्चों को महामारी से मिला जिदगी भर का दर्द कोई रात में सुबकता है तो कोई ढूंढ़ता मम्मी-पापा की राह।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 05:08 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 05:08 AM (IST)
कोरोना ने छीने माता-पिता, दादा-दादी बने सहारा
कोरोना ने छीने माता-पिता, दादा-दादी बने सहारा

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोरोना संक्रमण से पहले मम्मी चली गई। छह दिन बाद ही पापा भी हमेशा के लिए छोड़ गए। पांच साल की मासूम और उसका आठ साल का भाई अब भी अक्सर रात में सोते-सोते उठ जाते हैं। मम्मी और पापा को याद करते हैं। कभी दादी तो कभी ताऊ उन्हें सीने से लगाकर चुप कराते हैं। जिले में ऐसे 57 बच्चे हैं, जिनके माता, पिता या दोनों को कोरोना ने उनसे छीन लिया है।

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अरांव ब्लाक क्षेत्र के गांव में रहने वाले सात बच्चों के सिर से भी कोरोना ने उनके माता-पिता का साया छीन लिया। मां की मौत तो छह साल पहले ही हो गई थी। इसी वर्ष 23 मई को कोरोना ने पिता को भी उनसे छीन लिया। सात भाई बहन में से तीन नाबालिग हैं। उनके लिए अब बड़े भाई बहन ही उनके माता पिता हैं। जिले में तमाम ऐसे बच्चे हैं जो पिता को खोने के बाद कोई ननिहाल में रहा है। तो मां की मृत्यु के बाद कोई दादा दादी, ताऊ-ताई या चाचा-चाची के पास रहकर अपनत्व तलाश रहा है। कोरोना ने जन्म से पहले छीना पिता: मक्खनपुर में रहने वाले युवक की शादी फरवरी 2020 में हुई थी। युवक अलीगढ़ के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता था। अप्रैल 2021 में कोरोना संक्रमित होने के बाद कई दिन इलाज चला, लेकिन पांच अप्रैल को जिदगी की जंग हार गया। एक माह बाद 24 मई को पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। बेबस मां कभी अपनी तो कभी बेटी की बदकिस्मती पर आंसू बहा रही है।

-------------------- 57 बच्चों को मिली सरकारी राहत :

गुरुवार को विकास भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत ऐसे 57 बच्चों को चार हजार रुपये मासिक मदद के स्वीकृति पत्र बांटे गए। मेयर नूतन राठौर ने बताया कि इस मदद के साथ ही कक्षा नौ से ऊपर के जो बच्चे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करेंगे, उन्हें सरकार लैपटाप या टैबलेट भी उपलब्ध कराएगी। राज्य महिला आयोग की सदस्य सुमन चतुर्वेदी ने कहा कि माता या पिता को खो चुके बच्चों के लिए सरकार अभिभावक के तौर पर काम करेगी। डीएम चंद्र विजय सिंह ने बताया कि सभी 57 बच्चों के अभिभावकों के खाते में सितंबर तक की धनराशि भेज दी गई है। कार्यक्रम में सीडीओ चर्चित गौड़, जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. प्रज्ञाशंकर तिवारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी सीमा मौर्या और जिला कार्यक्रम अधिकारी आभा सिंह उपस्थित रहीं।

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ये भी मिलेंगी सुविधाएं:

सीडीओ ने बताया कि कोरोना प्रभावित बच्चों को चल-अचल संपत्तियों की कानूनी सुरक्षा, बेटियों के विवाह के लिए 1.01 लाख की आर्थिक सहायता, कस्तूरबा गांधी बालिका, अटल आवासीय विद्यालयों में निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की गई है।


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