यहां तो होटल, लॉज और बस्तियां भी आग के मुहाने पर..
फीरोजाबाद, जासं। मंगलवार की सुबह दिल्ली के होटल में हुए अग्निकांड ने लोगों को हिलाकर रख दिया। ऐसे में सुहाग नगरी की चिंता हुई तो पता चला कि यहा तो सबकुछ आग के मुहाने पर है। होटल से लेकर लॉज और कांच की गोदामों में ¨चगारी सुलगी तो हादसा भयानक होगा, क्योंकि यहां आग बुझाने के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। चूड़ी और ग्लास डेकोरेशन के गोदाम ऐसी संकरी गलियों में चल रहे हैं, जिनमें बाइक से निकलना भी मुश्किल होता है। कई बार घटनाएं हुई भी हैं, लेकिन न तो कारोबारियों ने कोई सबक लिया और न अग्निशमन विभाग ने।
फीरोजाबाद, जासं। मंगलवार की सुबह दिल्ली के होटल में हुए अग्निकांड ने लोगों को हिलाकर रख दिया। ऐसे में सुहाग नगरी की चिंता हुई तो पता चला कि यहा तो सबकुछ आग के मुहाने पर है। होटल से लेकर लॉज और कांच की गोदामों में ¨चगारी सुलगी तो हादसा भयानक होगा, क्योंकि यहां आग बुझाने के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। चूड़ी और ग्लास डेकोरेशन के गोदाम ऐसी संकरी गलियों में चल रहे हैं, जिनमें बाइक से निकलना भी मुश्किल होता है। कई बार घटनाएं हुई भी हैं, लेकिन न तो कारोबारियों ने कोई सबक लिया और न अग्निशमन विभाग ने।
शहर में कितने होटल और लॉज हैं, इसका रिकॉर्ड न तो नगर निगम के पास है और न फायर ब्रिगेड को पता है, लेकिन इतना तय है कि यहां भी होटल और लॉज सुरक्षित नहीं हैं। इनमें आग से बचने के इंतजाम नहीं हैं। कई होटल और लॉज गलियां में संचालित हो रहे हैं। आग लगने पर यहां दमकल भी नहीं पहुंच सकती। इन होटल और लॉज में आपातकालीन निकास भी नहीं है। आग लगी तो न उसे कोई बुझा पाएगा और न इमारत में मौजूद लोगों को निकाला जा सकेगा। इसे अग्निशमन विभाग की अनदेखी ही कहेंगे कि शहर में कई कारखाने और गोदाम भी घनी आबादी के बीच चल रहे हैं। विभाग इन्हें नोटिस भेजकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता रहता है।
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-अग्निशमन विभाग के ये हैं मानक:
-होटल, लॉज में दो कमरों पर कम से कम एक अग्निशमन यंत्र होना चाहिए।
-इन इमारतों में आपातकालीन निकास भी होने चाहिए।
-अग्निशमन यंत्रों के साथ पानी टैंक या टंकी होनी चाहिए।
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होटलों और लॉज के दिए जा चुके हैं नोटिस:
अग्निशमन अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया फैक्ट्री, गोदाम, होटल और लॉज संचालकों को समय समय पर सर्वे कर नोटिस जारी किए जाते हैं। नोटिस मिलने के बाद मोनार्क होटल में फायर फाइ¨टग का काम शुरू हो गया है, जबकि पैराडोर में काम पूरा हो गया है। गुप्ता और गंगा लॉज को भी नोटिस दिए जा चुके हैं।
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दो साल से खाली हैं एफएसओ के चार पद
जिले में अग्निशमन अधिकारी (एफएसओ) के पांच पद हैं। इनमें से चार पद दो साल से भी अधिक समय से खाली हैं। केवल एक एफएसओ ही तैनात हैं। इसी तरह सेकंड अफसर पांच में से दो और फायरमैन के 12 पद खाली हैं। स्टेनो किसी भी फायर स्टेशन पर नहीं हैं। गाड़ियां भी कम हैं। इनमें से भी दो बड़ी दमकल कुंभ मेले में गई हैं। जिले के अग्निशमन विभाग के पास बाइकें और एंबुलेंस भी नहीं है।