बेटी की विदाई से पहले कर्मचारी ने कस लिया फंदा
शिकोहाबाद, संवाद सहयोगी। चतुर्थ श्रेणी की नौकरी से परिवार की गाड़ी नहीं चलती थी, इसके लिए खेती में किस्मत आजमाई। चार बेटियों का बाप बाजार और बैंक के कर्ज में डूबता गया। अब बेटी की बरात आनी थी, घर में तैयारियां चल रही थीं। कर्ज के बोझ में डूबा कर्मचारी तनावग्रस्त हो रात को घर से निकला और गांव के बाहर पेड़ पर फंदा कसकर जान दे दी।
संवाद सहयोगी, शिकोहाबाद: चतुर्थ श्रेणी की नौकरी से परिवार की गाड़ी नहीं चलती थी, इसके लिए खेती में किस्मत आजमाई। चार बेटियों का बाप बाजार और बैंक के कर्ज में डूबता गया। अब बेटी की बरात आनी थी, घर में तैयारियां चल रही थीं। कर्ज के बोझ में डूबा कर्मचारी तनावग्रस्त हो रात को घर से निकला और गांव के बाहर पेड़ पर फंदा कसकर जान दे दी।
शिकोहाबाद क्षेत्र स्थित बछलई निवासी परिजनों ने बताया कि 43 वर्षीय गिरीश कुमार पुत्र किशनलाल शिक्षा विभाग के बीआरसी हाथवंत ब्लॉक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर तैनात थे। चार बेटियों और एक बेटे के पिता गिरीश ने परिवार का खर्च चलाने के लिए खेती शुरू की थी। इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिया। बताया गया है कि उन पर बाजार का कर्ज पहले से था। लगभग डेढ़ महीना पहले ट्रैक्टर भी खरीदा था। इस कारण उन पर करीब आठ लाख रुपये का कर्ज हो गया था। इसी बीच हाथवंत के गांव में बड़ी बेटी गौरी का रिश्ता हो गया और नौ मार्च को बरात आनी थी। परिवार वाले शादी की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन कर्ज में डूबे गिरीश का तनाव बढ़ता जा रहा था। सोमवार सुबह परिवार के लोग दैनिक क्रिया से निवृत्त होने खेत की तरफ गए तो गिरीश का शव पेड़ से लटका देखा। सूचना मिलने पर यहां ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई और मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। थाना प्रभारी लोकेश भाटी ने बताया कि खुदकशी की वजह कर्ज बताई जा रही है।
बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल.
गृहस्थी के ख्वाब संजो रही बेटी को पिता की मौत की खबर ने सदमा दिया है। वहीं तीन और बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था।