'स्मार्ट पंप' उगल रहे पानी, बजट बेमानी
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: स्मार्ट सिटी में विकास के नाम पर करोड़ों का बजट खर्च हो गया। इसके बाद भी पानी निकासी का प्रबंध (स्टार्म वाटर सिस्टम) ट्राली पंपों के सहारे चल रहा है। वर्षा के दौरान गली, मुहल्लों से पानी निकासी के लिए घंटों ट्राली पंप व मशीनें चलती रहती हैं, तब कहीं जाकर लोगों को राहत मिल पाती है।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014 में नगर पालिका को उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया। यहां आइएएस, पीसीएस, चीफ इंजीनियर, महाप्रबंधक सहित अन्य पदों पर अफसरों की तैनाती हुई, जिससे शहर में तेजी से विकास कार्य हो सकें। जनता को स्वच्छ पेयजल, बेहतर सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मिल सकें। नगर निगम ने पहले बोर्ड का चुनाव होने के बाद पांच साल में विकास के नाम पर करोड़ों का बजट खर्च कर दिया। इसके बाद भी जल निकासी का ठोस प्रबंध नहीं हो सका। जरा सी वर्षा में शहर ताल-तलैया बन जाता है। नई आबादी के इलाकों में लोग कई दिनों तक घरों में कैद होने को मजबूर हैं। कच्ची गलियों व खाली प्लाटों में गंदगी व जलभराव से लोग बीमारियों का शिकार होते हैं। यह हालात तब हैं, जब नगर निगम द्वारा हर साल नालों की तलीझाड़ सफाई के नाम पर लाखों का बजट खर्च किया जाता है।
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संसाधनों पर एक नजर:
108 : शहर में कुल छोटे-बड़े नाले
151: किमी है शहर में नालों की लंबाई
50: दो एचपी के छोटे ट्राली पंप
नौ: 14 एचपी के ट्राली पंप
15: 28 एचपी के पुराने ट्राली पंप
छह: सेक्शन मशीन
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वर्षा में इन इलाकों में होता है जलभराव: आजाद नगर, नगला पचिया, कन्हैया नगर, नीबू वाला बाग, रामनगर, संतनगर, बासठ, छारबाग, पैमेश्वर गेट, चंद्रवार गेट, करबला, हिमायूंपुर, आसफाबाद, ककरऊ, ऐलान नगर, देवकी नगर, आनंद नगर, रहना, मायापुरी, झलकारी नगर, बघेल कालोनी, गांधी पार्क, मेडिकल कालेज अस्पताल सर्विस रोड, नगर निगम मार्केट, बघेल कालोनी, टापाखुर्द, सुदामा नगर, बीपीएल ग्राउंड, द्वारिकापुरी, अब्बास नगर, महादेव नगर, किशन नगर, द्वारिकापुरी, शांति नगर, रामगढ़ रोड आदि।
वर्षा के मौसम में जल निकासी के लिए चार दर्जन से अधिक स्थान चयनित किए गए हैं। इन स्थानों पर ट्राली पंप व सेक्शन मशीनों की मदद से पानी की निकासी कराई जाती है। - आरबी राजपूत, जीएम जलकल